ठगों का इंटरनेट पर बिछा हुआ है जाल, साइबर ठगी से बचाव को अपनाएं यह उपाय

विभिन्न कस्टमेयर केयर नंबर में से लोग बहुत आसानी से ठगों के जाल में फंस जाते हैं जहां वह कुछ ही मिनट में अपनी गाढ़ी कमाई ठगों को न्योछावर कर देते हैं। ऐसे में इंटरनेट या आनलाइन सुविधा का लाभ लेने के लिए सावधान व चौकन्ना रहने की जरूरत है।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Sun, 28 Feb 2021 12:38 PM (IST) Updated:Sun, 28 Feb 2021 12:40 PM (IST)
ठगों का इंटरनेट पर बिछा हुआ है जाल, साइबर ठगी से बचाव को अपनाएं यह उपाय
नैनीताल पुलिस की ओर से लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है।

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : आनलाइन बैंकिंग हो या खरीदारी करनी हो, किसी प्रकार की असुविधा होने पर लोग कस्टमर केयर नंबर की तलाश करते हैं, जिसके लिए इंटरनेट सर्च इंजन सबसे आसान तरीका होता है। इंटरनेट पर दर्ज किए गए विभिन्न कस्टमेयर केयर नंबर में से लोग बहुत आसानी से ठगों के जाल में फंस जाते हैं, जहां वह कुछ ही मिनट में अपनी गाढ़ी कमाई ठगों को न्योछावर कर देते हैं। ऐसे में इंटरनेट या आनलाइन सुविधा का लाभ लेने के लिए लोगों को ज्यादा सावधान व चौकन्ना रहने की जरूरत है। जिससे ठगों से बचा जा सके। इसके लिए नैनीताल पुलिस की ओर से कई तरह के उपाय बताए गए हैं। जिसके जरिये लोग साइबर ठगी से बहुत हद तक बच सकते हैं।

1. पेमेंट एप के जरिये भुगतान का चलन इन दिनों बढ़ गया है। ऐसे में यदि कोई भुगतान असफल हो जाता है तो इंटरनेट पर कस्टमर केयर नंबर ढूढऩे के बजाए पेमेंट एप के माध्यम से ही शिकायत करें।

2. कस्टमर केयर या किसी अन्य माध्यम से यदि फोन पर कोई एप एनी डेस्क, टीम व्यूवर, स्क्रीन शेयर, एयर मिरर, एयर ड्रॉयड, क्विक सपोर्ट, क्यूएस, क्रोम रिमोट डेस्कटाप, रेमो ड्रॉयड आदि इंस्टाल करने का निर्देश दे तो ऐसा कदापि न करें बल्कि मोबाइल फोन में चल रहे इंटरनेट को फौरन बंद कर दें, ताकि फ्राड का प्रयास करने वाला आपके फोन का प्रयोग न कर सके।

3. यदि इंटरनेट मीडिया के जरिये मित्र, रिश्तेदार या परिचित पैसों की मांग करे तो उससे बात किए बगैर किसी प्रकार की सहायता नहीं करें।

4. एटीएम, सीवीवी पिन, गोपनीय पिन नंबर, एटीएम नंबर आदि किसी से साझा न करें। एटीएम की फोटो भी किसी भी हाल में लोगों को न भेजें। अपने एटीएम कार्ड का पिन समय-समय पर बदलते रहें।

5. पेमेंट एप का प्रयोग करते समय किसी के भेजे हुए लिंक पर क्लिक नहीं करें। धनराशि प्राप्त करने के लिए क्यूआर कोड को स्कैन नहीं करें। इससे सिर्फ धन आहरित होता है।

6. किसी भी बैंक की केवाइसी यानी ग्राहक को जानो प्रक्रिया कभी भी फोन कॉल के जरिये नहीं की जाती है। इस तरह के कॉल आने पर गोपनीय जानकारी नहीं दें।

एसएसपी, प्रीति प्रियदर्शिनी ने बताया कि साइबर ठगी के मामले बढ़ रहे हैं। जिससे बचने के लिए लोगों को सावधान व जागरूक होने की आवश्यकता है। नैनीताल पुलिस की ओर से लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है।

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