पिता के बाद बेटे की भी गोली मारकर कर दी गई थी हत्‍या, तीनों युवकों को आजीवन कारावास

वर्ष 2011 में बनभूलपुरा में हुए इमरान हत्याकांड को अंजाम देने वाले तीनों बदमाशों को प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश अरविंद कुमार ने दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। जमानत पर रिहा चल रहे तीनों बदमाशों को न्यायालय के फैसला सुनाने पर गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Wed, 14 Apr 2021 08:04 AM (IST) Updated:Wed, 14 Apr 2021 08:04 AM (IST)
पिता के बाद बेटे की भी गोली मारकर कर दी गई थी हत्‍या, तीनों युवकों को आजीवन कारावास
पिता के बाद बेटे की भी गोली मारकर कर दी गई थी हत्‍या, तीनों युवकों को आजीवन कारावास

हल्द्वानी, जागरण संवाददाता : वर्ष 2011 में बनभूलपुरा में हुए इमरान हत्याकांड को अंजाम देने वाले तीनों बदमाशों को प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश अरविंद कुमार ने दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। जमानत पर रिहा चल रहे तीनों बदमाशों को न्यायालय के फैसला सुनाने पर गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। 

शासकीय अधिवक्ता नवीन जोशी ने बताया कि 24 सितंबर 2011 की तड़के करीब साढ़े पांच बजे आजादनगर लाइन नंबर 18 निवासी इमरान खान पुत्र अब्दुल हमीद उर्फ मिद्दू खान का शव रेलवे पटरी पर पड़ा मिला था। उसकी सीने में गोली मारकर हत्या की गयी थी। गोली सीने को चीरकर पार निकल गई थी। उसी दिन चाचा मो. हनीफ की शिकायत पर हल्द्वानी कोतवाली में अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया। 

पुलिस को जांच में पता चला कि 23 सितंबर 2011 की रात क्षेत्र की गफरान मस्जिद में जलसा था। उस रात इमरान के साथ सलाउद्दीन उर्फ गुड्डू पुत्र अलाउद्दीन निवासी इंदिरानगर, नईम वारसी पुत्र अजीजउल्ला वारसी निवासी नई बस्ती व लाइन नंबर 14 बनभूलपुरा निवासी अफजाल पुत्र शाने अली देखे गए थे। पुलिस ने हत्याकांड का पर्दाफाश करते हुए तीनों को गिरफ्तार किया। अफजाल के पास से इमरान हत्याकांड में प्रयोग किया तमंचा भी पुलिस ने बरामद कर लिया था। 

ये मामला प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश हल्द्वानी की अदालत में चला। अभियोजन पक्ष की ओर से इस मामले में 10 गवाह न्यायालय में पेश किए गए। मंगलवार को न्यायालय ने अपना फैसला सुनाते हुए अफजाल, सलाउद्दीन और नईम को धारा 302/34 व 120बी के तहत आजीवन कारावास व तीन-तीन हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। इसके साथ ही अफजाल को आम्र्स एक्ट का दोषी ठहराते हुए तीन साल की सजा सुनाई है। 

मिद्दू हत्याकांड में भी शामिल था नईम

शासकीय अधिवक्ता नवीन जोशी कई साल पहले बनभूलपुरा निवासी इमरान के पिता मिद्दू खान की भी हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में अन्य बदमाशों के साथ नईम भी शामिल था। वर्ष 2011 में उसने मिद्दू के बेटे इमरान की भी गोली मारकर हत्या का दी। मिद्दू हत्याकांड की भी अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी शासकीय अधिवक्ता नवीन जोशी ने की थी। उस मामले में भी न्यायालय ने सभी बदमाशों को दोषी ठहराकर सजा सुनाई थी।  

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