भीमताल में मुफ्त का पानी ब‍िक रहा तीन हजार टैंकर, पानी न आने पर मजबूरी का माफ‍िया उठा रहे फायदा

कुछ कारोबारियों के द्वारा मुफ्त के पानी को मनमर्जी के दरों में बेचा जा रहा है। जनता भी पानी नहीं आने की स्थिति में इस पानी को खरीदने को मजबूर है। टैंकर स्वामियों के द्वारा तीन हजार रूपये प्रति टैंकर (पांच हजार लीटर) के वसूले जा रहे हैं।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Mon, 12 Apr 2021 05:47 PM (IST) Updated:Mon, 12 Apr 2021 05:47 PM (IST)
भीमताल में मुफ्त का पानी ब‍िक रहा तीन हजार टैंकर, पानी न आने पर मजबूरी का माफ‍िया उठा रहे फायदा
टैंकर संचालकों के द्वारा ना तो सफाई रखी जाती है और ना ही नियमों का पालन किया जाता है।

जागरण संवाददाता, भीमताल : पानी नहीं आने से जहां जनता परेशान है वही कुछ कारोबारियों के द्वारा मुफ्त के पानी को मनमर्जी के दरों में बेचा जा रहा है। जनता भी पानी नहीं आने की स्थिति में इस पानी को खरीदने को मजबूर है। मात्र पांच किमी के अंदर टैंकरों से मुफ्त का पानी लाने पर टैंकर स्वामियों के द्वारा तीन हजार रूपये प्रति टैंकर (पांच हजार लीटर) के वसूले जा रहे हैं।

नियमित रूप से पानी नहीं आने और नियमित रूप से मनमर्जी के रेट देने के बाद अब जनता परेशान होने लगी है। स्थानीय जनता ने अब इन टैंकरों के रेटों पर अंकुश लगाने की मांग की है। दरअसल इस पानी को घिंघरानी के समीप चांफी के पास एक वाटर फाल से भर कर लाया जाता है। इस स्थान पर इन टैंकर संचालकों के द्वारा ना तो सफाई रखी जाती है और ना ही नियमों का पालन किया जाता है।

पानी भरने की होड़ में आपस में लडऩा आम बात है। वहीं पानी के चक्कर अधिक लगाने के फिराक में इन संचालकों के द्वारा तेज रफ्तार में टैंकरों को चलाने से किसी दुर्घटना की भी आशंका है। स्थानीय लोंगों ने अब इन टैंकर संचालकों से भी प्रति चक्कर शुल्क वसूल करने और मिले शुल्क से वाटर फाल को विकसित करने की मांग की है। इस संबध में अवगत कराया गया है कि मांग के संबध में शीघ्र ही एक शिष्टमंडल जिलाधिकारी, उपजिलाधिकारी व स्थानीय पुलिस प्रशासन से भी मिलेगा और कार्यवाही की मांग करेगा।

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