पिथौरागढ़ जिले में दो तेंदुए की खाल और भालू के पित्त के साथ तीन तस्कर गिरफ्तार
पिथौरागढ़ जिले में सक्रिय तीन वन्यजीव तस्करों को दो जगहों से वन विभाग की टीम ने गिरफ्तार किया है। इसमें धारचूला के खुम्ती पुल के पास तेंदुए की खाल व दांत ओर भालू की पित्त की थैली के साथ दो तस्कर दबोचे गए हैं।
जागरण संवाददाता, पिथौरागढ़ : पिथौरागढ़ जिले में सक्रिय तीन वन्यजीव तस्करों को दो जगहों से वन विभाग की टीम ने गिरफ्तार किया है। इसमें धारचूला के खुम्ती पुल के पास तेंदुए की खाल व दांत ओर भालू की पित्त की थैली के साथ दो तस्कर दबोचे गए हैं। वहीं पिथौरागढ़ में मंदिर का महंत गुलदार की खाल के साथ पकड़ा गया।
वन्यजीव अंगों की तस्करी की सूचना पर शनिवार रात अस्कोट वन क्षेत्राधिकारी बालम सिंह अल्मिया के नेतृत्व में टीम धारचूला के खुम्ती पुल के पास पहुंची। वहां दिखे दो संदिग्ध आन सिंह और त्रिलोक सिंह के सामान की तलाशी ली गई। उनके पास 2.60 मीटर लंबी गुलदार की खाल, गुलदार के दांत और भालू की 220 ग्राम और 20 ग्राम की पित्त की थैली मिली। डीएफओ डा. विनय भार्गव ने बताया कि पकड़े गए दोनों व्यक्ति लंबे समय से वन्य प्राणियों के अंगों की तस्करी में संलिप्त थे। दोनों के खिलाफ वन्यजीव अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
दूसरा मामला जिला मुख्यालय पिथौरागढ़ के निकटवर्ती मड़खड़ायत के कफलाड़ी का है। यहां रविवार को मुखबिर से मिली सूचना पर वन रेंजर दिनेश जोशी के नेतृत्व में टीम ने कपिलेश्वर महादेव मंदिर के निकट बने आश्रम में दबिश दी। महंत चंदन गिरि को एक गुलदार की खाल के साथ गिरफ्तार कर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
मार्च में भी गिरफ्तार हुआ था तस्कर
उत्तराखंड एसटीएफ ने इसी साल मार्च में भी वन्यजीवों की तस्करी मामले में बड़ी सफलता हासिल की थी। मुखबिर की सूचना पर एसटीएफ ने पिथौरागढ़ जिले के सेराघाट में छापामार कर तेंदुए की छह खाल, नाखून, दांत के साथ एक तस्कर को गिरफ्तार किया था। मौके से बरामद ऑल्टो कार सीज कर दिया गया था। वहीं अंधेरे का फायदा उठाकर उसका साथी मौके से फरार हो गया था।