इस वर्ष भी सादगी से मनाया जाएगा मां नयना देवी मंदिर का 137वां स्थापना दिवस

19 जून को मंदिर का 137वां स्थापना दिवस मनाया जाना है। मंदिर समिति ने सार्वजनिक कार्यक्रम न कर सांकेतिक रूप से पूजा अर्चना कर स्थापना दिवस मनाने का निर्णय लिया है। इस दौरान भक्तों के लिए मंदिर के कपाट बंद रहेंगे।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Tue, 15 Jun 2021 08:54 PM (IST) Updated:Tue, 15 Jun 2021 08:54 PM (IST)
इस वर्ष भी सादगी से मनाया जाएगा मां नयना देवी मंदिर का 137वां स्थापना दिवस
आगामी 19 जून को प्रस्तावित मां नयना देवी मंदिर का 137वां स्थापना दिवस सादगी से मनाया जाएगा।

जागरण संवाददाता, नैनीताल। कोरोना संक्रमण के चलते इस वर्ष भी शहर स्थित मां नयना देवी मंदिर का स्थापना दिवस सादगी से मनाया जाएगा। ज्येष्ठ शुक्ल नवमी के अवसर पर 19 जून को मंदिर का 137वां स्थापना दिवस मनाया जाना है। मंदिर समिति ने सार्वजनिक कार्यक्रम न कर सांकेतिक रूप से पूजा अर्चना कर स्थापना दिवस मनाने का निर्णय लिया है। इस दौरान भक्तों के लिए मंदिर के कपाट बंद रहेंगे।

51 शक्तिपीठों में से एक माँ नयना देवी मंदिर की स्थापना के बाद 1884 से ज्येष्ठ शुक्ल नवमी को हर वर्ष नयना देवी मंदिर का स्थापना दिवस धूम धाम से मनाया जाता रहा है। सुबह से शाम तक विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों के साथ ही विशाल भंडारे में स्थानीय लोगों के साथ ही देशी और विदेशी पर्यटक प्रसाद ग्रहण करते है। मगर कोरोना संक्रमण के चलते लगातार दूसरी बार मंदिर के कपाट बंद रहेंगे। मां नयना देवी अमर उदय ट्रस्ट के अध्यक्ष राजीव लोचन साह ने बताया कि कोरोना महामारी की रोकथाम को लेकर सरकार तथा प्रशासन की ओर से गाडलाइन प्रभावी की गई हैं।

ऐसे में आगामी 19 जून को प्रस्तावित मां नयना देवी मंदिर का 137वां स्थापना दिवस सादगी से मनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि कोविड परिस्थितियों के कारण पिछले वर्ष की तरह इस बार भी आयोजन प्रतीकात्मक रूप में होगा। शासन-प्रशासन की ओर से जारी गाइडलाइन के तहत भंडारा तथा भजन संध्या जैसे कार्यक्रमों में सामाजिक दूरी बनाया जाना संभव नहीं है। जिससे समिति द्वारा इसे सादगी से ही मनाने का निर्णय लिया गया है। मंदिर के पुजारी और ट्रस्ट पदाधिकारी कोविड नियमों का पालन करते हुए सादगी से पूजा और अन्य अनुष्ठान संपन्न कराएंगे। यहा बता दे कि मां नयना देवी मंदिर की प्रसिद्धि देश ही नहीं विदेशों में भी है। जिसके दर्शन के लिए हर वर्ष देश ही नहीं बल्कि विदेशों भक्त भी यहा पहुँचते है।

स्थापना दिवस पर होती है कुलपूजा

राजीव लोचन साह ने बताया कि स्थापना दिवस के मौके पर मंदिर में विशेष कुल पूजा आयोजित की जाती है। इस पूजा को करने का अधिकार मंदिर बनाने वाले अमरनाथ साह के सभी वंशजो को ही दिया गया है। स्थापना दिवस के दिन सभी वंशज एकत्रित होकर संयुक्त रूप से पूजा सम्पन्न करते है। मगर कोविड के चलते इस वर्ष सभी वंशज पूजा में शामिल नहीं हो पाएंगे। केवल एक वंशज सपत्निक पूजा सम्पन्न कर सकेगा।

भव्य होता था आयोजन

स्थापना दिवस के अवसर पर मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहता था। इस दौरान विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों के साथ ही विशाल भंडारे का आयोजन किया जाता था। राजीव लोचन साह ने बताया कि इस अवसर पर शाष्त्रीय संगीत, भजन संध्या के लिए बाहर से टीमें पहुँचा करती थी। साथ ही विशाल भंडारे में स्थानीय लोगों के साथ ही बाहरी राज्यों से पहुँचे हजारों पर्यटक भी प्रसाद ग्रहण करते थे।

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