एमबीपीजी कॉलेज में इंटीरियर एंड एक्सटीरियर डेकोरेशन सर्टिफिकेट कोर्स में नहीं होगा प्रवेश

डिग्री कॉलेजों में सेल्फफाइनेंस के तहत संचालित डिप्लोमा पाठ्यक्रमों पर संकट के बादल छाने लगे हैं। कुमाऊं के सबसे बड़े डिग्री कॉलेज एमबीपीजी से इसकी शुरुआत हो चुकी है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Thu, 17 Oct 2019 07:58 PM (IST) Updated:Fri, 18 Oct 2019 11:18 AM (IST)
एमबीपीजी कॉलेज में इंटीरियर एंड एक्सटीरियर डेकोरेशन सर्टिफिकेट कोर्स में नहीं होगा प्रवेश
एमबीपीजी कॉलेज में इंटीरियर एंड एक्सटीरियर डेकोरेशन सर्टिफिकेट कोर्स में नहीं होगा प्रवेश

हल्द्वानी, भानु जोशी : डिग्री कॉलेजों में सेल्फफाइनेंस के तहत संचालित डिप्लोमा पाठ्यक्रमों पर संकट के बादल छाने लगे हैं। छात्रसंख्या के लिहाज से कुमाऊं के सबसे बड़े डिग्री कॉलेज एमबीपीजी से इसकी शुरुआत हो चुकी है। यहां पिछले 15 सालों से संचालित इंटीरियर एंड एक्सटीरियर डेकोरेशन सर्टिफिकेट कोर्स में प्रवेश पर पाबंदी लगा दी गई है।

एमबीपीजी कॉलेज में वर्ष 2004 में सेल्फफाइनेंस के तहत इंटीरियर एंड एक्सटीरियर डेकोरेशन का एक वर्षीय डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू किया गया था, जिसमें 20 सीटें निर्धारित की गई थीं। इस नए पाठ्यक्रम के प्रति छात्र-छात्राओं में खासा उत्साह देखा गया। इस कोर्स को करने के बाद कई छात्रों की नौकरी तक लग गई, मगर इस सत्र में पाठ्यक्रम में दाखिला प्रक्रिया शुरू होती, उससे पहले ही प्रवेश प्रक्रिया पर रोक लगाने का फरमान जारी हो गया है। इंटीरियर एंड एक्सटीरियर डेकोरेशन विभाग के मुताबिक, विगत दिनों कुलपति ने पाठ्यक्रम में प्रवेश प्रक्रिया रोकने के मौखिक आदेश दिए हैं, जबकि हर साल पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने वाले छात्र-छात्राओं की अच्छी खासी संख्या रहती है।

निदेशालय में भी नाराजगी

बिना किसी कारण के पाठ्यक्रम में प्रवेश प्रक्रिया पर रोक लगाने से उच्च शिक्षा निदेशालय के अफसरों में भारी नाराजगी है। निदेशालय के सूत्रों की मानें तो मामले में निदेशालय से कुलपति को पत्र भेजकर कारण पूछे जाने की तैयारी चल रही है।

ये बताए जा रहे कारण

इंटीरियर एंड एक्सटीरियर डेकोरेशन कोर्स बंद किए जाने के कारणों को लेकर हर तरफ मतभेद है। कॉलेज के कुछ प्रोफेसर कम छात्र संख्या तो कुछ इसे छात्र राजनीति से प्रेरित निर्णय बता रहे हैं। जबकि, इस कोर्स के बंद होने के पीछे बड़ी वजह पैनल न कराया जाना बताया जा रहा है। जानकारी के अनुसार, सेल्फफाइनेंस के तहत संचालित डिग्री व एक साल तक के सर्टिफिकेट पाठ्यक्रमों की संबद्धता के लिए पैनल कराया जाना जरूरी है। हालांकि, इंटीरियर एंड एक्सटीरियर डेकोरेशन विभाग का कहना है कि डिप्लोमा कोर्स को पैनल की जरूरत नहीं पड़ती है।

वीसी ने बंद करने का दिया है मौखिक आदेश

सुधीर नैनवाल, पाठ्यक्रम समन्वयक, इंटीरियर एंड एक्सटीरियर डेकोरेशन विभाग ने कहा कि इंटीरियर एंड एक्सटीरियर डेकोरेशन पाठ्यक्रम व फैकल्टी के स्थायीकरण के लिए पूर्व में कई बार पत्राचार किया गया। लेकिन किसी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। अब अचानक कुलपति ने इसे बंद करने का मौखिक आदेश दिया है।

सर्टिफिकेट पाठ्यक्रमों की मान्यता के लिए पैनल कराना जरूरी

प्रो. केएस राणा, कुलपति, कुमाऊं विश्वविद्यालय, नैनीताल ने बताया कि डिग्री कॉलेजों को डिग्री या एक साल तक के सर्टिफिकेट पाठ्यक्रमों की मान्यता के लिए पैनल कराना जरूरी होता है। रिपोर्ट शासन को भेजी जाती है। लेकिन एमबीपीजी कॉलेज ने इंटीरियर एंड एक्सटीरियर डेकोरेशन का पैनल नहीं कराया।

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