त्योहारों के साथ बर्तन बाजार में लौटी रौनक, दीपावली तक 40 फीसद कारोबार बढ़ने की संभावना
त्योहारों के साथ बर्तन बाजार में रौनक लौट आई है। त्योहारों को देखते हुए पूजा में काम आने वाले बर्तन मूर्तियां घंटी के अलावा घरेलू बर्तन की मांग अधिक है। सहालग का समय नजदीक है। ऐसे में शादियों की जरूरत के बर्तनों की खरीदारी भी होने लगी है।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : त्योहारों के साथ बर्तन बाजार में रौनक लौट आई है। त्योहारों को देखते हुए पूजा में काम आने वाले बर्तन, मूर्तियां, घंटी के अलावा घरेलू बर्तन की मांग अधिक है। सहालग का समय नजदीक है। ऐसे में शादियों की जरूरत के बर्तनों की खरीदारी भी होने लगी है।
त्योहारों में खरीदारी को शुभ माना जाता है। ऐसे में शगुन के साथ घर की जरूरत को देखते हुए खरीदारी करने का चलन है। जरूरत की वस्तुओं में पहली प्राथमिकता किचन की जरूरतों को दी जाती है। नवरात्र में बर्तन बाजार में रौनक रही। अच्छे कारोबार की वजह से कारोबारी उत्साहित हैं। अगले तीन सप्ताह लगातार एक के बाद एक त्योहारों की बहार है। 14 नवंबर से सहालग का सीजन शुरू हो रहा है। दिसंबर मध्य तक शादियों की धूम रहेगी। ऐसे में सहालग के लिहाज से भी खरीदारी जोरों पर रहेगी। ऐसे में कारोबारी अगले दो माह अच्छे व्यापार की उम्मीद जता रहे हैं।
एक माह में 40 प्रतिशत तक बढ़ी धातु
त्योहारी सीजन में धातु की कीमतें तेज हुई हैं। एक माह के भीतर एल्यूमिनियम 110 रुपये, पीतल व तांबा 150 रुपये, स्टील 100 व लोहा 37 रुपये किलो तक महंगा हो गया है। इस समय एल्यूमिनियम 290, पीतल 750 व शुद्ध कांसा 1500 रुपये किलो बिक रहा।
यह है कीमत बढऩे की वजह
कारोबारियों के मुताबिक इस समय देश में कच्चे माल की कमी बताई जा रही। ब्रिटेन व चीन से धातुओं का आयात बंद हैं। खनिज व धातु व्यापार निगम लिमिटेड ने भी शुल्कमें बढ़ोतरी की है। कारोबारी फिलहाल कुछ समय कीमतों में तेजी जारी रहने की बात कह रहे। थोक व फुटकर बर्तन कारोबारी राजीव अग्रवाल ने बताया कि त्योहार व सहालग को देखते हुए बर्तन बाजार में बिकवाली अधिक है। हालांकि कीमतें भी आए दिन बढ़ रही हैं। दिसंबर तब बाजार में रौनक रहने की उम्मीद है।