Nanakmatta Dispute : मुख्यमंत्री से नहीं अपनों से है नाराजगी, गुरुद्वारा साहिब परिसर में नृत्य के बाद सिख समाज खफा

Nanakmatta Dispute नानकमत्ता साहिब परिसर में नृत्य के बाद विवाद बढ़ता जा रहा है। मुख्यमंत्री के आगमन पर नृत्य को लेकर सिख समाज गुरुद्वारा साहिब में प्रबंधक कमेटी द्वारा धार्मिक व्यवस्था की जिम्मेदारी उठाने वालों से खफा है। उन्हें सीएम से कोई भी शिकवा नही है।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 08:06 PM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 08:06 PM (IST)
Nanakmatta Dispute : मुख्यमंत्री से नहीं अपनों से है नाराजगी, गुरुद्वारा साहिब परिसर में नृत्य के बाद सिख समाज खफा
गुरुद्वारा साहिब में नृत्य, नारेबाजी, मुकुट भेंट करने में जिम्मेदारों की गलती है।

अविनाश श्रीवास्तव, सितारगंज : गुरुद्वारा श्री नानकमत्ता साहिब परिसर में नृत्य के बाद विवाद बढ़ता जा रहा है। मुख्यमंत्री के आगमन पर नृत्य को लेकर सिख समाज गुरुद्वारा साहिब में प्रबंधक कमेटी द्वारा धार्मिक व्यवस्था की जिम्मेदारी उठाने वालों से खफा है। धर्म की जरूरी जानकारी नही रखने पर उन्हें सीएम से कोई भी शिकवा नही है।

सिख संगत के राष्ट्रीय अध्यक्ष जसवीर सिंह विर्क ने जागरण से खास बातचीत में कहा कि गुरुद्वारा साहिब में चारों तरफ दरवाजे होते हैं। हर वर्ग का व्यक्ति गुरुद्वारा साहिब में अरदास करने आ सकता है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी गुरुद्वारा साहिब पहुंचे थे। गुरुद्वारा साहिब में धार्मिक जानकारी रखने वालों ने आखिर लापरवाही क्यो बरती। सीएम के आगमन पर गुरुद्वारा साहिब में गुरु का व्यख्यान कर रहे कथावाचकों को मजबूरन कथा क्यो रोकनी पड़ी।दरबार साहिब में नारेबाजी की गई जो की गुरु की मर्यादाओं के खिलाफ है। सीएम को संगत की सेवा से प्राप्त पैसे से बनाया गया मुकुट भेंट किया गया। जो गलत है।

मुख्यमंत्री को निजी तौर पर गुरुद्वारे से हटकर कोई अगर एक की जगह दो मुकुट भी भेंट कर सकता है। इससे समाज पर कोई फर्क नहीं पड़ता। लेकिन गुरुद्वारा साहिब परिसर में धार्मिक मान्यताओं के अनुरूप ही खासकर गुरुद्वारा साहिब से जुड़े लोगों को चलने की इजाजत है। गुरुद्वारा साहिब में नृत्य, नारेबाजी, मुकुट भेंट करने में जिम्मेदारों की गलती है। उन्होंने कहा कि ज्ञानी होने के बाद इन गलतियों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। मुख्यमंत्री से उन्हें कोई गिला शिकवा नहीं है। मुख्यमंत्री सबके हैं तो हमारे भी हैं। शिकायत गुरुद्वारे की देखभाल करने वाले अपनों से है।

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