Uttarakhand : अंडमान निकोबार के उपराज्यपाल पूर्व नौसेनाध्यक्ष एडमिरल जोशी के गांव को सड़क का इंतजार

रिखे गांव से लक्ष्मीपुर से आगे प्राथमिक विद्यालय तक ढाई किमी सड़क के लिए एडमिरल जोशी ने प्रयास किया था। उनके प्रयासो के बाद प्रस्ताव तो बना सर्वे के लिए टोकन मनी भी आई। लेकिन अभी तक सड़क नहीं बन पाई।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Sat, 04 Dec 2021 10:03 PM (IST) Updated:Sat, 04 Dec 2021 10:03 PM (IST)
Uttarakhand : अंडमान निकोबार के उपराज्यपाल पूर्व नौसेनाध्यक्ष एडमिरल जोशी के गांव को सड़क का इंतजार
दौलाघट को पूरे देश में तब पहचान मिली जब 31 अगस्त 2012 को देवेंद्र कुमार जोशी नौसेनाध्यक्ष बने।

जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा : देश के 21वें नौसेनाध्यक्ष देवेंद्र कुमार जोशी के गांव को आज भी सड़क का इंतजार है। पूर्व एडमिरल जोशी ने इस सड़क के लिए खुद प्रयास किया था। ढाई किमी की यह सड़क आज सरकारी फाइलों में कहीं गुम होकर रह गई है। एडमिरल जोशी वर्तमान में अंडमान निकोबार द्वीप समूह के उपराज्यपाल हैं।

दौलाघट को पूरे देश में तब पहचान मिली जब 31 अगस्त 2012 को देवेंद्र कुमार जोशी नौसेनाध्यक्ष बने। एडमिरल बनने के बाद उनके गांव दौैलाघट में जश्न का माहौल था। गांव को उम्मीद थी की अब गांव में भी विकास होगा। दो साल तक वह इस पद पर रहे। उनकी उत्कृष्ट सेवा को देखते हुए उन्हें सेवानिवृत्ति के बाद 8 अक्टूबर 2017 को उन्हें अंडमान निकोबार द्वीप समूह का उपराज्यपाल बनाया। तब से वह उपराज्यपाल के रुप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

पूर्व नौसेनाध्यक्ष व उपराज्यपाल देवेंद्र कुमार जोशी का जन्म चार जुलाई 1954 को दौलाघट के लक्ष्मीपुर गांव में हुआ। यह क्षेत्र जिला मुख्यालय 25 किमी दूर हैं। उनकी पढ़ाई नैनीताल से हुई। उनके पिता हीरा बल्लभ जोशी वन विभाग में मुख्य वन संरक्षक के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। उन्होंने एक अप्रैल 1974 को भारतीय नौसेना के एक्जीक्यूटिव ब्रांच में कमीशन प्राप्त किया था। 38 साल के तक सेवा देने के बाद भी उनको अपनी जन्मभूमि से बेहद लगाव रहा। जब भी उन्हें समय मिलता है वह अपनी पत्नी चित्रा जोशी और दो बेटियों के साथ पैतृक गांव लक्ष्मीपुर आते है। वह यहां पूजा-पाठ आदि के कार्यक्रम भी करते हैं। 

उनके करीबी गिरीश चंद्र जोशी ने बताया कि एडमिरल डीके जोशी यहां आते रहते है। उन्होंने बताया कि रिखे गांव से लक्ष्मीपुर से आगे प्राथमिक विद्यालय तक ढाई किमी सड़क के लिए एडमिरल जोशी ने प्रयास किया था। उनके प्रयासो के बाद प्रस्ताव तो बना सर्वे के लिए टोकन मनी भी आई। लेकिन अभी तक सड़क नहीं बन पाई। उम्मीद है कि सरकार इस ओर जल्द कार्रवाई करेगी। 

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