गांव बचाने का जिम्मा कोविड नियंत्रण समिति पर, प्रधान से लेकर एनएसएस के स्वयंसेवक भी होंगे

कोरोना को नियंत्रण करने के लिए सरकार ने हर ग्राम पंचायत में कोविड नियंत्रण समिति बनाने का फैसला लिया है। समिति में ग्राम प्रधान अध्यक्ष की भूमिका निभाएंगे। महिला मंगल दल वन पंचायत सरपंच आंगनबाड़ी वर्कर आशा वर्कर ग्राम प्रहरी एनएसएस के स्वयंसेवक शामिल होगा।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Thu, 13 May 2021 07:20 AM (IST) Updated:Thu, 13 May 2021 07:20 AM (IST)
गांव बचाने का जिम्मा कोविड नियंत्रण समिति पर, प्रधान से लेकर एनएसएस के स्वयंसेवक भी होंगे
ब्लॉक स्तर पर इन कमेटियों की मॉनीटरिंग भी की जाएगी।

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी: शहर के बाद तेजी से गांव में फैल रहे कोरोना को नियंत्रण करने के लिए सरकार ने हर ग्राम पंचायत में कोविड नियंत्रण समिति बनाने का फैसला लिया है। सहभागिता के जरिये कोरोना पर काबू पाया जाएगा। समिति में ग्राम प्रधान अध्यक्ष की भूमिका निभाएंगे। इसके अलावा महिला मंगल दल, वन पंचायत सरपंच, आंगनबाड़ी वर्कर, आशा वर्कर, ग्राम प्रहरी, एनएसएस के स्वयंसेवक व जरूरत पडऩे पर डीएम द्वारा नामित व्यक्ति भी शामिल होगा।

संक्रमित व्यक्ति या फिर जांच के बाद रिपोर्ट का इंतजार कर रहे संदिग्धों तक जीवनरक्षक दवा पहुंचाने का काम इस समिति पर होगा। इसके अलावा मास्क, सैनिटाइजर वितरण व सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन करवाने में समिति सदस्य अहम भूमिका निभाएंगे।

कोरोना का प्रकोप अप्रैल से पहले तक शहरी क्षेत्र में सबसे ज्यादा है। लेकिन उसके बाद गांवों में भी संक्रमितों की संख्या बढऩे लगी। ऐसे में सरकार ने फैसला लिया है कि गांव को कोरोना की जद से मुक्ति दिलाने में समिति का सहयोग लिया जाएगा। इसके लिए सभी जिलाधिकारियों को आदेश जारी कर दिया गया है। ब्लॉक स्तर पर इन कमेटियों की मॉनीटरिंग भी की जाएगी।

वहीं, कमेटी का गठन होने से कोरोना नियंत्रण में काफी मदद भी मिलेगी। जांच कराने के अगले दिन दवा मिलने पर समय से पहले उपचार की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। लोगों को मेडिकल किट के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। वहीं, गुरुवार दोपहर ग्राम प्रधानों द्वारा वर्चुअल बैठक के दौरान महामारी से निपटने को लेकर चर्चा भी की जाएगी।

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