जमरानी डूब क्षेत्र के लोगों को बसाने को लेकर स्थिति साफ नहीं, जारी है जमीन की तलाश

मरानी परियोजना के अफसरों के अलावा डीएम कमिश्नर और मुख्यमंत्री तक से इनकी मुलाकात हो चुकी है। बड़ी दिक्कत यह है कि डूब क्षेत्र में आने की वजह से ग्रामीण किसी तरह का कोई नया निर्माण तक नहीं करा पा रहे हैं।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Wed, 06 Oct 2021 08:08 AM (IST) Updated:Wed, 06 Oct 2021 08:08 AM (IST)
जमरानी डूब क्षेत्र के लोगों को बसाने को लेकर स्थिति साफ नहीं, जारी है जमीन की तलाश
ग्रामीण किच्छा के पराग फार्म को पसंद बता रहे। लेकिन डीएम ऊधमसिंह नगर से फाइनल रिपोर्ट अभी नहीं मिली।

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : जमरानी बांध की राह में सबसे बड़ा रोड़ा डूब क्षेत्र के लोगों को विस्थापन है। तमाम प्रयासों के बावजूद छह गांवों के ग्रामीणों के लिए दूसरी जगह अभी तक नहीं मिल सकी। ऐसे में ग्रामीणों के लिए भी असमंजस की स्थिति है। इसलिए वह हल्द्वानी से लेकर दून तक दौड़ लगा रहे हैं। ताकि स्थिति स्पष्ट हो सके। जमरानी परियोजना के अफसरों के अलावा डीएम, कमिश्नर और मुख्यमंत्री तक से इनकी मुलाकात हो चुकी है। बड़ी दिक्कत यह है कि डूब क्षेत्र में आने की वजह से ग्रामीण किसी तरह का कोई नया निर्माण तक नहीं करा पा रहे हैं। यह शासन के अनियोजित विकास का ही नमूना कहा जाएगा। इतनी बड़ी योजना बन गई और काम चल रहा है पर उससे प्रभावितों को कहां बसाया जाएगा, इसके लिए आज भी भूमि तय नहीं हो पाई है।

जमरानी बांध परियोजना को लेकर पिछले एक साल से हलचल कुछ तेज हुई थी। फॉरेस्ट से लेकर अन्य तकनीकी सर्वे हुए। जल निगम ने बांध से शहर में पेयजल आपूर्ति को लेकर पूरा प्लान तैयार करने के साथ बजट प्रस्ताव भी तैयार कर लिया। लेकिन सबसे बड़ी दुविधा विस्थापन का लेकर बनी हुई है। करीब 400 एकड़ जमीन छह गांव के लोगों को दूसरी जगह शिफ्ट करने के लिए चाहिए। किच्छा, सितारगंज, बाजपुर के अलावा गौलापार तक की चर्चा हुई। मगर प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी। फिलहाल ग्रामीण किच्छा के पराग फार्म को पहली पसंद बता रहे हैं। लेकिन डीएम ऊधमसिंह नगर से फाइनल रिपोर्ट अभी नहीं मिली। 

सीएम से फिर लगाई गुहार

जमरानी बांध संघर्ष समिति के अध्यक्ष नवीन पलडिय़ा, कोषाध्यक्ष दीवान सिंह संभल, भरत संभल, मनोज पलडिय़ा, इंद्र सिंह मेहता ने हाल में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की। दो माह पूर्व में भी ग्रामीण सीएम से मिल चुके हैं। समिति का कहना है कि आश्वासन के अलावा अफसरों से अभी तक कुछ नहीं मिला।

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