संसाधन विहीन राजस्व निरीक्षकों के जिम्मे ग्रामीण क्षेत्रों की शांति व्यवस्था का जिम्मा
विकासखंड भीमताल धारी ओखलकांडा रामगढ़ जहां वर्तमान में कई योजनाओं में कार्य प्रगति पर है और हजारों की संख्या में बाहरी मजदूर कार्य कर रहे हैं ऐसे में एक पटवारी बिना पुलिस फोर्स होम गार्ड पीआरडी जवान और अनुसेवक के कार्य कर रहे हैं।
जागरण संवाददाता, भीमताल : ग्रामीण क्षेत्र शांत होते हैं। शासन ने शायद इसी धारणा के चलते आजादी के कई दशक बीत जाने के बाद भी ग्रामीण क्षेत्रों में शांति व्यवस्था के जिम्मेदार कर्मचारियों को ना तो कोई हथियार दिया है और ना ही शांति व्यवस्था में उनको सहायता करने के लिये कोई कर्मचारी। संसाधन विहीन होने के बावजूद आज भी ग्रामीण क्षेत्र में शांति के लिये उत्तरदायी पटवारी कर्तव्य निष्ठा के साथ कार्य कर रहे हैं। पटवारियों की मांगों को शासन के द्वारा अनदेखा किया गया है जिसके चलते कई बार पटवारियों की जान खतरे में आ गई है।
ग्रामीण क्षेत्रों में शांति व्यवस्था का जिम्मा पट्टी पटवारी का है। संसाधन विहीन होने के बावजूद एक पट्टी पटवारी के जिम्मे तीन तीन पट्टी का जिम्मा है। एक पट्टी में दस से ग्यारह ग्राम सभाएं आती है। ग्रामीण क्षेत्रों में शांति व्यवस्था बनी इसके लिये अंग्रेजों के शासन काल से राजस्व पुलिस की व्यवस्था है। पर अंग्रेजों के शासनकाल से वर्तमान तक पटवारियों को दी जाने वाली सुविधा में कोई भी परिवर्तन नहीं हो पाया है। पटवारियों की माने तो अंग्रेजों के शासनकाल से अब तक विकास में कई परिवर्तन हो गये हैं। पूर्व में यातायात का अभाव के साथ साथ संचार की व्यवस्था का अभाव था, पूर्व में जहां ग्रामीण क्षेत्रों में केवल कृषि ही लोंगों का मुख्य कार्य था वहीं अब ग्रामीणों के द्वारा कई रोजगार परक कार्य अपनाये गये हैं। ऐसे में बड़े क्षेत्र में शांति व्यवस्था बिना संसाधन के कठिन कार्य है। वर्तमान में लगभग साठ प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों में सभी मूलभूत सुविधाएं हैं। वहीं राजस्व विभाग में चालिस प्रतिशत से अधिक पद रिक्त होने के कारण पटवारियों पर कार्य का बोझ तो शासन के द्वारा बढ़ाया गया है पर सुविधाओं प्रदान नहीं की गई है।
संसाधन विहीन पुलिस को ही गांधी पुलिस कहा गया है। आज के दौर में जहां गांव गांव में लोंगों के पास हथियारों के लाइसेंस है ऐसे में बिना हथियार के पटवारी शांति व्यवस्था बनाये हुए है। विकासखंड भीमताल, धारी, ओखलकांडा रामगढ़ जहां वर्तमान में कई योजनाओं में कार्य प्रगति पर है और हजारों की संख्या में बाहरी मजदूर कार्य कर रहे हैं ऐसे में एक पटवारी बिना पुलिस फोर्स, होम गार्ड, पीआरडी जवान और अनुसेवक के कार्य कर रहे हैं। नाम ना छापने की शर्त पर कई पटवारियों ने अवगत कराया कि कई बार घटनाओं में उनको ग्रामीणों के रोष का सामना करना पड़ता है। उनके साथ मारपीट होना भी आम बात है। पट्टी पटवारी भूमि संबधी कागजात,आय व्यय प्रमाण पत्र, खतौनी,खसरा समेत अनेक प्रमाण पत्र बनाने के लिये जिम्मेदार हैं। पटवारी महासंघ के द्वारा संसाधनों के संबध में कई बार शासन और प्रशासन से मांग की जाती रही है पर कार्यवाही अपेक्षित है। विधायक राम सिंह कैड़ा ने बताया कि मामला मेरे संज्ञान में है। आगामी विधान सभा सत्र में इस प्रकरण को उठाया जायेगा।
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