महामारी को पैदा करने का कारण मनुष्य, प्रकृति का दोहन ले रही महामारी का रूप : डा. आरके श्रीवास्तव
जंगली जानवरों का व्यापार बड़ा विकसित कर लिया है। लाखों व हजारों के तादात में जंगली जानवर अपने शरीर के विषाणुओं को मल मूत्र के द्वारा वातावरण में छोड़ते हैं। इनके संपर्क में आने में फैशन इंडस्ट्री की भी अहम योगदान है।
जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : धरती पर होने वाली अवांछित व अभूतपूर्व घटनाएं ही न केवल परिवर्तन को संकट में डाल रही है, बल्कि वैज्ञानिकों का मानना है कि प्रकृति के दोहन का परिणाम है जो महामारी का रूप ले लिया है। कभी स्वाइन फ्लू, सार्स, इबोला और अब इस कोविड के रूप मेंं देखने को मिल रही है। प्रत्येक महामारी को पैदा करने का कारण निश्चित रूप से मनुष्य ही है। जानवरों के शरीर में विभिन्न प्रकार के विषाणु रहते हैं और उन विषाणुओं के मनुष्य के संपर्क में आने का माध्यम यह हो सकता है।
पंत विवि के पर्यावरण विज्ञान विभाग के हेड डा. आरके श्रीवास्तव बताते हैं कि जंगली जानवरों का व्यापार बड़ा विकसित कर लिया है। लाखों व हजारों के तादात में जंगली जानवर अपने शरीर के विषाणुओं को मल मूत्र के द्वारा वातावरण में छोड़ते हैं। इनके संपर्क में आने में फैशन इंडस्ट्री की भी अहम योगदान है। सर्द ऋतु के लिए जानवरों के फर से बनी जैकेट, स्कार्फ, शॉल आदि के जरिये मनुष्य विषाणुओं के संपर्क में आ जाते हैं। जानवरों के त्वचा का उपयोग भी पर्स व बेल्ट बनाने में किया जाता है। बाजार में इन सामग्रियों की बहुत मांग है। इन सामानों को बनाने के लिए बड़े तादात में जानवरों को पाला जाता है। इन स्थानों पर मौजूद लोग इन जानवरों के संपर्क में ज्यादा समय तक रहते हैं विषाणु फैलाने की दर ज्यादा पाई जाती है।
दूसरी बात 31 फीसद उत्पन्न हो रही बीमारियों का कारण उपयोग हो रही भूमि में निरंतर परिवर्तन है। पालतु जानवरों के लिए चारे लाते वक्त या शिकार करते समय व्यक्ति इन विषाणुओं के संपर्क में आ जाते हैं। एचआइवी का विषाणु भी इसी प्रकार मनुष्य के शरीर में आया। पिछले 20 वर्षों से प्रकृति के दोहन ऐसी महामारी का कारण बन रहे हैं। मगर इन पर विचार-विमर्श नहीं किया गया।
कोरोना वायरस की उत्पत्ति जानवरों से हुई है और इस विषाणु के मिलते जुलते जीनस साउस क्लाइव के वुहान प्रांत के चमगादड़ों में मिले हैं। प्रांत अपनी जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध है। यहां विभिन्न प्रकार के वन्यजीव, वनस्पति जीवाणुओं आदि का वास है। कुछ समय से प्रांत में रेलगाड़ी के ट्रैक के निर्माण कार्यों में तेजी आई है। ऐसे में अनुमान लगाया है कि संभवत: किसी संक्रमित व्यक्ति के प्रोङ्क्षवस में यात्रा करने से उत्पन विषाणु को साथ में ले आया हो या फिर वन्यजीवों के व्यापार से बनी पशु बाजारों से ये विषाणु कोरोना अन्य स्थानों पर तेजी से फैला हो। जो एक महामारी का रुप ले लिया है। अत: मनुष्य ही है, जिसने कोविड जैसी महामारी को जन्म दिया है।
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