पहाड़ में राहत के साथ आफत बनी बारिश, मूसलधार वर्षा से रामनगर भिकियासैंण हाईवे पर आया मलबा
आपदा प्रबंधन व विभागीय दल मौके पर न पहुंचा तो यात्री खुद ही मलबा हटाने में जुट गए। उधर अल्मोड़ा पिथौरागढ़ हाईवे भी मकड़ाऊं(दन्यां) के पास दो घंटे बाद खोला जा सका। अतिवृष्टिï से आए मलबे के कारण भिकियासैंण विनायक आंतरिक रोड पिछले पांच घंटे से बंद पड़ी है।
जागरण संवाददाता, भिकियासैंण (अल्मोड़ा) : प्री मानसून बरस रहे मेघ डराने लगे हैं। बारिश ने पहाड़ में जहां राहत दी। वहीं मूसलधार वर्षा आफत भी बन गई। रामनगर भतरौजखान भिकियासैंण स्टेट हाईवे पर बगड़ीगाढ़ के पास भूस्खलन जैसे हालात बन गए। मलबा आने से दो घंटे आवाजाही ठप रही। आपातकालीन 108 सेवा के साथ ही छोटे बड़े सैकड़ों वाहन जाम में फंस गए। आपदा प्रबंधन व विभागीय दल मौके पर न पहुंचा तो यात्री खुद ही मलबा हटाने में जुट गए। उधर अल्मोड़ा पिथौरागढ़ हाईवे भी मकड़ाऊं(दन्यां) के पास दो घंटे बाद खोला जा सका। अतिवृष्टिï से आए मलबे के कारण भिकियासैंण विनायक आंतरिक रोड पिछले पांच घंटे से बंद पड़ी है।
पर्वतीय क्षेत्रों में गुरुवार तड़के व दिन में अतिवृष्टिï ने सड़कों पर सितम ढाया। रामनगर भतरौजखान भिकियासैंण स्टेट हाईवे पर दिन में करीब एक बजे बगड़ीगाढ़ के पास उच्च पहाडिय़ों से मलबा खिसकर आ गया। इससे रामनगर व भिकियासैंण की तरफ आ जा रहे वाहन फंस गए। 1:20 बजे नियंत्रण कक्ष को सूचना दी गई। मगर घंटों बाद भी राहत व बचाव दल नहीं पहुंचा तो करीब तीन बजे यात्रियों ने मलबा हटाना शुरू किया। तब जाकर दो घंटे बाद यातायात सुचारू हो सका। वहीं भिकियासैंण विनायक आंतरिक रोड भी दिन में एक बजे से बंद है।
बिनसर में बादल फटने जैसे हालात
ताड़ीखेत (रानीखेत) : धार्मिक पर्यटक स्थल सौनी बिनसर क्षेत्र में गुरुवार को बादल फटने जैसे हालात बन गए। भारी बारिश से उफनाए बिनसर गधेरे ने विकराल रूप ले लिया। बिनसर महादेव मंदिर परिसर जलमग्न हो गया। मंदिर कमेटी प्रबंधक चंदन सिंह बिष्टï 'महाराज के अनुसार ऊपरी भूभाग पर बने चेकडैमों के कारण बाढ़ का वेग कुछ कम हुआ। हालांकि चेकडैमों को भी नुकसान पहुंचा है। मगर मंदिर परिसर के बगीचे को काफी नुकसान पहुंचा है। लोगों का कहना है कि एक तरफ कोरोना से सब बंद पड़ा है। दूसरी तरफ भारी बारिश से काफी नुकसान हो गया है। एेसे में जीवन यापन करना मुश्किल हो गया है।
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