Formation of Gairsain Division : गैरसैंण कमिश्नरी बनने से पहाड़ में खुलेंगे विकास के रास्ते
Formation of Gairsain Division आम लोगों का कहना है कि इससे दूरस्थ इलाकों का विकास होगा। अभी तक जो पिछड़े हुए इलाके थे वहां भी विकास के कार्य तेजी से होंगे। अभी तक कुमांऊ मंडल के अधीन छह जिले थे। अधिकतर विकास तराई क्षेत्रों में ही हुआ करता था।
जागरण संवाददाता, बागेश्वर : Formation of Gairsain Division : गैरसैंण को नई कमिश्नरी बनाए जाने से पहाड़ के लोगों में हर्ष व्याप्त है। उनका कहना है कि देर से ही सही पर धीरे-धीरे आंदोलनकारियों के सपने साकार होने लगे हैं। वहीं राज्य बनने के बाद पहली बार कुमांऊ-गढ़वाल को जोडऩे का प्रयास किया गया है। इससे सामाजिक-सांस्कृतिक ताना-बाना भी मजबूत बनेगा। जल्द सरकार को गैरसैंण को स्थायी राजधानी घोषित कर देनी चाहिए।
गीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के प्रदेश में तीसरी कमिश्नरी की घोषणा पर यहां लोगों ने उक्त राय व्यक्त की। इस कमिश्नरी के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में विकास के नए रास्ते खुलने की उम्मीद जगने लगी है। आम लोगों का कहना है कि इससे दूरस्थ इलाकों का विकास होगा। अभी तक जो पिछड़े हुए इलाके थे, वहां भी विकास के कार्य तेजी से होंगे। अभी तक कुमांऊ मंडल के अधीन छह जिले थे। अधिकतर विकास तराई क्षेत्रों में ही हुआ करता था। पहाड़ को तवज्जो कम ही दी जाती थी।
उद्यमी दलीप सिंह खेतवाल का कहना है कि गैरसैंण कमिश्नरी बनाया जाना पहाड़ के हित में है। इससे रोजगार के नए आयाम खुलेंगे। क्षेत्र का विकास होगा और दोनों मंडलों के जिलों के एकीकरण से आपसी सामंजस्य बढ़ेगा। व्यापारी जगदीश पांडे का कहना है कि राज्य आंदोलनकारियों के सपने धीरे-धीरे साकार होने लगे हैं। विकास के नए आयाम खुलेंगे। पिछड़े इलाके भी विकास की मुख्यधारा से जुड़ेंगे।
शिक्षक मनमोहन भाकुनी ने बताया कि नैनीताल कमिश्नरी की तुलना में गैरसैंण नजदीक है। वहीं नैनीताल महंगा शहर है। भीड़-भाड़ वाली पर्यटन नगरी में रहना आम लोगों के लिए दिक्कत भरा है। गैरसैंण कमिश्नरी यहां के लोगों के लिए ठीक है। शिक्षिका डॉ. आशा तिवारी का कहना है कि पहाड़ के विकास की अवधारणा सार्थक होने लगी है। अभी अगर द्वाराहाट, चौखुटिया से गैरसैंण जांएगे तो काफी पिछड़ापन दिखाई देता है। विकास के लिए कमिश्नरी बहुत बेहतर कदम है।
नपा अध्यक्ष सुरेश खेतवाल बोले यह निर्णय विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगी गैरसैंण कमिश्नरी। अब गैरसैंण को जल्द स्थायी राजधानी भी सरकार को घोषित कर देनी चाहिए। पूर्व प्रमुख रेखा खेतवाल ने बताया कि अभी तक कुमांऊ-गढ़वाल के लोगों में कुछ दूरियां महसूस की जाती थी, उसे गैरसैंण कमिश्नरी दूर करेगी। इससे विकास के नए रास्ते खुलेंगे। आने वाले दिनों में इसका असर दिखेगा।
Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें