रूठे सभासदों को मनाने को पालिका और प्रशासन हरकत में, की बैठक

सामूहिक इस्तीफा देने का दावा करने वाले सभासदों को मनाने के लिए शनिवार को पालिका चेयरमैन ईओ और एसडीएम ने बैठक की।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 26 Sep 2021 04:00 AM (IST) Updated:Sun, 26 Sep 2021 04:00 AM (IST)
रूठे सभासदों को मनाने को पालिका और प्रशासन हरकत में, की बैठक
रूठे सभासदों को मनाने को पालिका और प्रशासन हरकत में, की बैठक

जागरण संवाददाता, नैनीताल : सामूहिक इस्तीफा देने का दावा करने वाले सभासदों को मनाने के लिए पालिका व प्रशासन हरकत में आ गया है। शनिवार को प्रशासन और पालिका अधिकारियों के साथ हुई बैठक में सभासदों ने मांगों के समाधान के लिए दो सप्ताह का समय दिया है और चेताया है कि यदि मांगों का समाधान नहीं हुआ तो त्यागपत्र दे देंगे।

पालिका सभागार में पालिकाध्यक्ष सचिन नेगी, एसडीएम प्रतीक जैन, ईओ अशोक वर्मा के साथ हुई बैठक में नाराज सभासदों ने विभिन्न समस्याएं एसडीएम के सामने रखीं। कृष्णापुर वार्ड के सभासद कैलाश रौतेला ने कहा कि लंबे समय से क्षेत्रवासी सड़क की मांग कर रहे हैं, मगर जिला प्रशासन संज्ञान नहीं ले रहा। स्टाफ हाउस सभासद सागर आर्य ने कहा कि अब तक उनके वार्ड में कोई निर्माण कार्य नहीं हो पाए है। मोहन नेगी ने कहा कि पूर्व में बाजार क्षेत्र में 35 से अधिक पर्यावरण मित्र तैनात रहते थे, मगर आज उनकी संख्या आधी रह गई हैं, जिस कारण सफाई व्यवस्था चरमरा गई है। उन्होंने पालिका में टीएस, टीआइ और लेखाकार के पदों को भरने का भी मुद्दा उठाया। अयारपाटा सभासद मनोज साह जगाती ने स्ट्रीट लाइटों की समस्याओं को उजागर किया। जिस पर एसडीएम प्रतीक जैन ने कहा कि सभी समस्याओं को वह लिखित रूप में दें, दो सप्ताह में उनके स्तर से समस्याओं के निस्तारण का पूरा प्रयास किया जाएगा।

उन्होंने ईओ को समस्याओं के निस्तारण के निर्देश भी दिए। पालिकाध्यक्ष सचिन नेगी ने भी सफाई व्यवस्था बनाए रखने के लिए दो सप्ताह में मोहल्ला स्वच्छता समिति गठित करने का आश्वासन दिया। बैठक में सभासद मोहन नेगी, पुष्कर बोरा, प्रेमा अधिकारी, भगवत रावत, सुरेश चंद्र, कैलाश रौतेला, राजू टांक, सागर आर्या, सपना बिष्ट, मनोज जगाती, नामित सभासद राहुल पुजारी, तारा राणा मौजूद रहे। दया सुयाल दीपक बर्गली, निर्मला चंद्रा, रेखा आर्या, गजाला कमाल बैठक में नहीं पहुंचीं। सभासदों का इस्तीफा नियमानुसार नहीं

सभासदों ने भले ही सामूहिक रूप से इस्तीफा देने की बात कह रहे हैं, मगर जानकारों का कहना है कि इस्तीफा देने का यह तरीका नियमानुसार नहीं है और न ही सही अधिकारी को दिया है।

जानकारों का कहना है कि जब सभासदों को शपथ जिलाधिकारी दिलाते हैं तो इस्तीफा भी उन्हें ही दिया जा सकता है। इस्तीफा सामूहिक नहीं अलग-अलग दिया जाता है। उसमें भी ठोस वजह दी जानी चाहिए।

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