गैंगस्टर बिश्नोई के नाम पर एक करोड़ की रंगदारी मांगने वाला मुख्य साजिशकर्ता गिरफ्तार

लारेंस बिश्नोई के नाम पर एक करोड़ की रंगदारी मांगने में फरार चल रहे मुख्य साजिशकर्ता को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। जबकि दूसरे आरोपित को भी पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। फायरिंग करने वालों की तलाश की जा रही है।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Sat, 16 Jan 2021 06:44 PM (IST) Updated:Sat, 16 Jan 2021 06:44 PM (IST)
गैंगस्टर बिश्नोई के नाम पर एक करोड़ की रंगदारी मांगने वाला  मुख्य साजिशकर्ता गिरफ्तार
सूत्रों के मुताबिक मामले में दूसरे आरोपित मनप्रीत उर्फ गोपी को भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।

जागरण संवाददाता, रुद्रपुर (ऊधमसिंह नगर) : फायरिंग कर गैंगस्टर लारेंस बिश्नोई के नाम पर एक करोड़ की रंगदारी मांगने में फरार चल रहे मुख्य साजिशकर्ता को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। जबकि दूसरे आरोपित को भी पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक फायरिंग करने वालों की तलाश की जा रही है।

रुद्रपुर के अनाज मंडी में 29 दिसबंर की रात बाइक सवार बदमाशों ने गुरुनानक टायर्स नामक दुकान में फायरिंग की थी। इसके बाद गैंगस्टर लारेंस बिश्नोई के नाम पर व्यापारी निरमनजीत से व्हाटसएप कॉल कर एक करोड़ की रंगदारी मांगी गई थी। इस मामले में पुलिस ने जसवीर सिंह उर्फ जस्सी और आदर्श कालोनी गौरव उर्फ गोलू को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। जबकि मुख्य साजिशकर्ता सहजदीप उर्फ गुल्लू पुत्र दलजीत सिंह और मनप्रीत उर्फ गोपी फरार हो गए थे। एसएसआइ रमेश चंद्र तिवारी ने बताया कि शनिवार को मुख्य साजिशकर्ता सहजदीप सिंह को रामपुर रोड से गिरफ्तार कर लिया है। उसे कोर्ट में पेश किया गया। जहां कोर्ट के आदेश पर उसे जेल भेज दिया है।

इधर, सूत्रों के मुताबिक मामले में फरार चल रहा दूसरा आरोपित मनप्रीत उर्फ गोपी को भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है। एसपी सिटी देवेंद्र सिंह ने बताया कि सहजदीप को जेल भेज दिया है। मनप्रीत और शूटरों की तलाश की जा रही है। इसके लिए पुलिस टीम दबिश दे रही है, जल्द ही उन्हें भी गिरफ़्तार कर लिया जाएगा।

सात लाख ब्याज में बिक गया था मकान

एसएसआइ रमेश चंद्र तिवारी ने बताया कि पूछताछ में गिरफ्तार सहजदीप ने बताया कि उसके पिता ने निरमनजीत सिंह से सात लाख रुपये ब्याज में लिए थे। कई लाख रुपये देने के बाद भी नौ लाख रुपये बकाए रह थे। फलस्वरूप उनका मकान बिक गया। इसे रंजिश में उसने निरमनजीत को सबक सिखाने के लिए फायरिंग और रंगदारी की योजना बनाई थी।

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