पाडली पहाड़ी के उपचार की आखिरी बाधा भी पार

अल्मोड़ा-हल्द्वानी हाईवे पर स्थित अति संवेदनशील पाडली पहाड़ी के उपचार की आखरी बाधा भी पार हो गई।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 Feb 2020 05:20 AM (IST) Updated:Tue, 18 Feb 2020 06:12 AM (IST)
पाडली पहाड़ी के उपचार की आखिरी बाधा भी पार
पाडली पहाड़ी के उपचार की आखिरी बाधा भी पार

संसू, गरमपानी : अल्मोड़ा-हल्द्वानी हाईवे पर स्थित अति संवेदनशील पाडली पहाड़ी के उपचार की आखरी बाधा भी पार हो गई है। देहरादून में भारत व जापान के विशेषज्ञों की संयुक्त टीम के मंथन के बाद अब दक्षिण भारत की निर्माण इकाई बूमि (बीयूएमई) को कार्य शुरू करने की अनुमति भी दे दी गई है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार जल्द जर्जर पहाड़ी का उपचार कार्य अत्याधुनिक जापान की तकनीक से शुरू हो जाएगा।

जायका (जापान इंट्रेक्टिव कॉरपोरेशन एजेंसी) परियोजना के तहत जापान से आर्थिक व तकनीकी की मदद से पाडली की पहाड़ी से जारी भूस्खलन रोकने की तैयारी अंतिम चरण में है। यह काम करीब 17 करोड़ रुपये से किया जाएगा। उपचार के बाद में वहां उगने वाली वनस्पति भी जापान की तकनीक से ही रोपित की जाएगी।

देश के विशेषज्ञों के साथ जापान की टीम ने इस बाबत तीन से चार दौर का सर्वे पूरा कर लिया है। इसके तहत भूमिगत पानी की उपलब्धता, मजबूत चट्टान के साथ ही मिट्टी आदि पर अध्ययन किया गया है।

================

खतरा बनी है पहाड़ी

लगातार दरक रही पाडली की पहाड़ी खतरे का सबब बन चुकी है। पहाड़ी से पत्थर गिरने से कई मौत व कई लोग गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं। अत्याधुनिक तकनीक से उपचार के बाद मार्ग पर आवाजाही करने वाले यात्रियों को राहत मिलने की उम्मीद है।

====================

विभागीय अधिकारी ने भी कसी कमर

कार्य में तेजी लाने के लिए विभागीय अधिकारियों ने टास्क टीम का गठन कर लिया है। टीम में वन विभाग के अधिकारियों के साथ देश के इंजीनियर व जापान के विशेषज्ञ शामिल हैं। विभागीय अधिकारियों का दावा है कि सालभर में कार्य पूरा कर लिया जाएगा।

==================

'जापान के विशेषज्ञ, भारत के इंजीनियर व अधिकारियों के साथ संयुक्त बैठक में तमाम बिंदुओं पर चर्चा हुई। दक्षिण भारतीय निर्माण इकाई को कार्य जल्द शुरू करने के निर्देश भी दिए गए हैं।

- उमेश जोशी, डीएफओ रानीखेत व टास्क टीम इंचार्ज पाडली'

chat bot
आपका साथी