दक्षिण पश्चिमी गोला‌र्द्ध में उभरा इस सौर चक्र का सबसे बडा सनस्पाट

इस सौर चक्र का सबसे बड़ा सनस्पाट यानी सौर कलंक निकल आया है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Oct 2020 05:32 AM (IST) Updated:Thu, 29 Oct 2020 05:32 AM (IST)
दक्षिण पश्चिमी गोला‌र्द्ध में उभरा इस सौर चक्र का सबसे बडा सनस्पाट
दक्षिण पश्चिमी गोला‌र्द्ध में उभरा इस सौर चक्र का सबसे बडा सनस्पाट

जागरण संवाददाता, नैनीताल : इस सौर चक्र का सबसे बड़ा सनस्पाट यानी सौर कलंक निकल आया है। सूर्य के दक्षिण पश्चिमी गोला‌र्द्ध में यह सनस्पाट करीब एक लाख किमी लंबाई में फैला हुआ है। इससे निकलने वाले सौर तूफान की दिशा पृथ्वी की ओर आने की आशंका विज्ञानी जता रहे हैं।

आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) के वरिष्ठ सौर विज्ञानी व पूर्व कार्यवाहक निदेशक डा. वहाबउद्दीन ने बताया कि कुछ दिन पहले यह सनस्पाट आकार में बहुत छोटा था, जो अब विस्तार रूप ले चुका है। इसमें लगभग दो दर्जन सनस्पाट उभर आए हैं। इससे अगले कुछ दिन में बड़ी ज्वाला उभरने की आशका है, जिसमें से हाई चार्ज पार्टिकल्स निकलेंगे। विज्ञानियों को आशका है कि इस ज्वाला से निकलने वाले हाई चार्ज पार्टिकल की दिशा पृथ्वी की ओर होगी। नासा की सोलर डायनमिक आ‌र्ब्जवेटरी (एसडीओ) ने इस सनस्पाट की तस्वीरें ली हैं। सूर्य पर नजर रखने वाले दुनिया के सौर विज्ञानियों की भी नजरें इस पर लगी हैं। एरीज के टेलीस्कोप से भी रखी जा रही नजर

डा. वहाबददीन ने बताया कि यह 25वा सौर चक्र है। एक सौर चक्र 11 से 14 साल के बीच का होता है। नए सौर चक्र के करीब एक वर्ष बीतने के बावजूद बडे़ सनस्पाट नहीं बन पा रहे थे, जिस कारण विज्ञानी कई तरह की आशकाएं जता रहे थे। इस सनस्पाट से एम श्रेणी की ज्वाला निकल सकती है। एरीज की सोलर टावर टेलीस्कोप से इसका लगातार आब्जर्वेशन किया जा रहा है। खतरनाक है सौर तूफान

सूर्य जीवनदाता है तो इससे उठने वाली ज्वालाओं से निकलने वाले सौर तूफान पृथ्वी के इलेक्ट्रिकल व सैटेलाइट के लिए उतने ही खतरनाक हैं। सौर तूफान से आने वाले उच्च उर्जावान कण इलेक्ट्रिकल व इलेक्ट्रानिक उपकरणों के लिए खतरनाक होती हैं, वहीं सैटेलाइट व हवाई सेवाओं के संचार सेवाओं को बाधा पहुंचाती हैं। जिस कारण सौर विज्ञानी सूर्य की प्रत्येक गतिविधि पर नजर रखते हैं।

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