आदमखोर गुलदार से निपटने के लिए अल्‍मोड़ा पहुंचा शिकारी दल, 17 जनवरी को महिला को बनाया था शिकार

आदमखोर गुलदार से निपटने को विशेषज्ञ शिकारी जो आए हो कल व शूटर सैफी ने मोर्चा संभाल लिया है। लेपर्ड कारीडोर पर निगरानी के लिए मचान तैयार कर ली गई हैं। घटना स्थल व आस पास तीन पिंजड़े लगा दिए गए हैं।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Mon, 25 Jan 2021 03:39 PM (IST) Updated:Mon, 25 Jan 2021 03:39 PM (IST)
आदमखोर गुलदार से निपटने के लिए अल्‍मोड़ा पहुंचा शिकारी दल, 17 जनवरी को महिला को बनाया था शिकार
20 जनवरी को शांति देवी का क्षत-विक्षत शव बरामद हुआ था।

जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा : बरंगल गांव में महिला को मार डालने वाले आदमखोर गुलदार से निपटने को  विशेषज्ञ शिकारी जो आए हो कल व शूटर सैफी ने मोर्चा संभाल लिया है। लेपर्ड कारीडोर पर निगरानी के लिए मचान तैयार कर ली गई हैं। घटना स्थल व आस पास तीन पिंजड़े लगा दिए गए हैं। ताकि उसे कैद कर ट्रेंकुलाइज किया जा सके।

स्याल्दे तहसील मुख्यालय से करीब 25 किमी दूर बरंगल गांव निवासी शांति देवी (50) को बीती 17 जनवरी की देर शाम आदमखोर  गुलदार ने शिकार बना लिया था। हमला करने के बाद गुलनार उसे करीब 300 किमी दूर जंगल में घसीट ले गया। 20 जनवरी को शांति देवी का क्षत-विक्षत शव बरामद हुआ था। इस घटना के बाद डीएफओ महतिम सिंह यादव के निर्देश पर वन क्षेत्राधिकारी मोहन राम आर्या ने मुरैना किया रानीखेत से विभागीय टीम बुला ली गई। बीते रोज विशेषज्ञ शिकारी ज्वाय हुकिल गढ़वाल से जबकि शूटर सेक्सी बिजनौर से वरंगल गांव पहुंच गए। आदमखोर गुलदार के पद चिन्हों के आधार पर उसकी टोह ली जा रही है। लेपर्ड कोरिडोर पर ही मचान लगा शिकारी मुस्तैद हैं। घटनास्थल व आसपास के इलाके में तीन पिजड़े भी लगाए गए हैं। वन क्षेत्राधिकारी मोहन राम के अनुसार गुलदार ज्यादा सतर्क हो गया है। पिछले दो दिनों से वह नजर भी नहीं आया। अलबत्ता कुछ इलाकों में उसके पग मार्क जरूर मिले हैं।

बहुत आक्रामक हो चुका है गुलदार

शांति देवी को शिकार बनाने वाला आदमखोर गुलदार अब और आक्रमक हो चुका है। क्षेत्र में उसके लगातार बदल रहे पैंतरे यही संकेत दे रहे हैं। इससे पूर्व बीती 26 दिसंबर को ग्राम पंचायत बारंगल के ही तोक डोडियाल बाखल में त्रिलोक सिंह की पत्नी अंजू देवी पर गुलदार झपटा था। उसे लहूलुहान हालत में काशीपुर रेफर किया गया था। इसके बाद 30 दिसंबर को हीरा सिंह की पत्नी कमला देवी, सात जनवरी को जय सिंह की पत्नी तुलसी देवी भी हमले में घायल हो गई थी। मगर चौथे हमले में उसने महिला को मार ही डाला।

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