कुमाऊं विश्वविद्यालय में एमएड पाठ्यक्रम के छात्रों का भविष्य अधर में
कुमाऊं विवि ने नैनीताल में बिना मान्यता के एमएड कोर्स शुरू करने के साथ ही 50 सीटों में से 38 एडमिशन भी कर दिए। इन छात्रों की ऑनलाइन पढ़ाई हो रही है प्रथम सेमेस्टर में इन छात्रों को ऑटोप्रमोट भी करने की तैयारी है मगर फिर क्या होगा
जागरण संवाददाता, नैनीताल। कुमाऊं विवि के अल्मोड़ा परिसर में बीएड व एमएड कोर्स चलता था। अल्मोड़ा परिसर नया विश्वविद्यालय बन गया तो शासन ने यह शासनादेश जारी कर दिया कि जो कोर्स जहां चल रहा, वह वहीं चलेगा। कुमाऊं विवि ने नैनीताल में बिना मान्यता के एमएड कोर्स शुरू करने के साथ ही 50 सीटों में से 38 एडमिशन भी कर दिए। इन छात्रों की ऑनलाइन पढ़ाई फिलहाल रुद्रपुर के निजी कॉलेज के माध्यम से हो रही है, प्रथम सेमेस्टर में इन छात्रों को ऑटोप्रमोट भी करने की तैयारी है मगर फिर क्या होगा, इसको लेकर चिंता बढ़ रही है।
कुमाऊं विवि व अल्मोड़ा विवि के बीच स्टाफ व पाठ्यक्रमों का आधा अधूरा व नियमों को दरकिनार कर किया बंटवारा अब छात्रों के भविष्य के लिए मुसीबत बनने लगा है। सबसे अधिक दिक्कत व्यावसायिक पाठ्यक्रमों को लेकर है। खासकर बीएड, एमएड, एलएलबी, एलएलएम आदि। दरअसल एजुकेशन व विधि संकाय अल्मोड़ा परिसर में ही संचालित होता था।
अल्मोड़ा विवि बनने के बाद शासन ने शासनादेश जारी कर दिया कि जो पाठ्यक्रम जहां चल रहा, उसी विश्विद्यालय के अधीन माना जायेगा। जबकि नेशनल काउंसिल ऑफ टीचर्स एजुकेशन व बार काउंसिल ऑफ इंडिया की मान्यता कुमाऊं विश्विद्यालय के लिए ही थी। इन सब के बीच कुमाऊं विवि ने पंचवर्षीय बीएएलएलबी व एमएड पाठ्यक्रम शुरू करने के साथ प्रवेश भी दिला दिए। बीएएलएलबी के लिए बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने हरी झंडी दे दी जबकि एमएड के लिए अब तक मान्यता नहीं आई है।
भविष्य को लेकर आशंकित
एमएड के छात्रों ने कुमाऊं विश्विद्यालय कार्यपरिषद सदस्य व पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष अरविंद पडियार से सम्पर्क साधा है। अरविंद कहते हैं, यह छात्रों के साथ नाइंसाफी है। वह इस मुद्दे को लेकर कुलपति प्रो एनके जोशी से मिलेंगे। सवाल उठाया कि वाणिज्य संकाय के विभागाध्यक्ष को कोर्स समन्वयक बना दिया गया। कोर्स समन्वयक प्रो अतुल जोशी के अनुसार उन्हें फिलहाल पठन पाठन की व्यवस्था की जिम्मेदारी दी गई है। छात्रों की ऑनलाइन पढ़ाई हो रही है। प्रथम सेमेस्टर में छात्रों को ऑटोप्रमोट किया जाएगा। उन्होंने इस मामले में अधिक बोलने से इनकार कर दिया।