Uttarakhand : सभी मुद्दे हल होने तक बार्डर से नहीं हटेगा किसान, देर रात ऊधमसिंह नगर पहुंचे टिकैत

राकेश टिकैत ने कहा कि हमने पांच सदस्य कमेटी बनाकर सरकार को भेज दी है जो भी सरकार को बातचीत करनी है इस कमेटी से कर सकती है लेकिन सरकार बातचीत नहीं करना चाहती केवल किसानों को वैसे ही बॉर्डर से घर वापस भेजना चाहती है।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Tue, 07 Dec 2021 08:50 AM (IST) Updated:Tue, 07 Dec 2021 08:50 AM (IST)
Uttarakhand : सभी मुद्दे हल होने तक बार्डर से नहीं हटेगा किसान, देर रात ऊधमसिंह नगर पहुंचे टिकैत
सभी मुद्दे हल नहीं होते तब तक किसान बार्डर से हिलने वाला नहीं है। सरकार चाहे कुछ भी कर ले।

जागरण संवाददाता, बाजपुर : सोमवार की देर रात गुरुद्वारा साहिब नानकसर ठाठ गजरौला में चल रहे श्री गुरु मान्यो ग्रंथ समागम में शिरकत करने पहुंचे किसान नेता राकेश टिकैत का ग्राम केशवाला स्थित युवा किसान नेता विक्की रंधावा के आवास पर स्थानीय किसानों की ओर से स्वागत किया गया। इस दौरान टिकैत ने कहा कि सरकार से बातचीत के लिए कमेटी बनाई है। सरकार को जो बात करनी है कमेटी से करे। कहा कि जब तक सभी मुद्दे हल नहीं होते तब तक किसान बार्डर से हिलने वाला नहीं है। सरकार चाहे कुछ भी कर ले। 

देर रात पत्रकारों से वार्ता करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि हमने पांच सदस्य कमेटी बनाकर सरकार को भेज दी है, जो भी सरकार को बातचीत करनी है इस कमेटी से कर सकती है, लेकिन सरकार बातचीत नहीं करना चाहती केवल किसानों को वैसे ही बॉर्डर से घर वापस भेजना चाहती है। हम इतने महीनों से यहां बैठे हैं खाली हाथ घर जाने वाले नहीं हैं। करीब सात सौ किसानों की मौत हो गई। उनकी शहादत बेकार नही जाने देंगे। सरकार के सामने अभी तमाम ऐसे मसले हैं जिनका हल होना जरूरी है।

किसानों पर लगे मुकदमे वापस होने हैं, किसानों के ट्रैक्टर बंद हैं, कंपनसेशन, एमएसपी व अजय टेनी आदि को सजा दिलाना है। इस तरह से अभी बहुत सारे मामले हैं जिनका समाधान हुए बिना किसान बॉर्डर से नहीं हिलेगा। अब जो भी कुछ बताना है, सरकार बताएगी, हमारा आंदोलन अभी जारी है, जिसमें कल फिर से आंदोलन की रूपरेखा बनाई जाएगी।

आर्य पर हमला उनका निजी मामला

उन्होंने बाजपुर में पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य के काफिले पर हुए हमले के मामले में कहा कि यह इनका आपस का कोई मामला रहा होगा, किसानों का इससे कोई मतलब नहीं है। इस मौके पर किसान नेता जगतार सिंह बाजवा, बल्ली सिंह चीमा, दर्शन लाल गोयल, हरप्रीत सिंह निज्जर आदि मौजूद थे।

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