International Family Day 2021 : मरीज को कोरोना से उबारने की ताकत रखता है परिवार, मुश्किल वक्त में स्वजनों का जुड़ाव जरूरी
International Family Day 2021 उत्तराखंड में रोजाना औसतन सात हजार से अधिक संक्रमित मिल रहे हैं। ऐसे वक्त जब आसपास नकारात्मक माहौल है सभी को अपनी व अपनों की चिंता सता रही है। ऐसे मुश्किल में परिवार ही हमारे भीतर ऊर्जा का संचार करने का माध्यम बन सकता है।
गणेश पांडे, हल्द्वानी। International Family Day 2021 : तेजी से पांव पसारता कोरोना रोजाना कई घरों में दस्तक दे रहा है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक उत्तराखंड में रोजाना औसतन सात हजार से अधिक संक्रमित मिल रहे हैं। अधिकांश संक्रमित अपने घर पर आइसोलेट हैं। ऐसे वक्त जब आसपास नकारात्मक माहौल है, सभी को अपनी व अपनों की चिंता सता रही है। ऐसे मुश्किल वक्त में हमारा परिवार ही हमारे भीतर ऊर्जा का संचार करने का माध्यम बन सकता है। विशेषकर उन घरों में जहां कोई कोरोना पाॅजिटिव है।
मरीज के साथ मौजूदगी का आभास
संक्रमित व्यक्ति को स्वजनों से अलग रहता होता है। मरीज खुद को अलग-थलक महसूस न करे इसलिए वर्चुअली माध्यम से उनसे जुड़ें। उसे अहसास कराएं कि स्वास्थ्य कारणों से उन्हें अलग किया गया है, यह परिवार की सेहत के हित में है। मोबाइल, व्हाट्सएप के माध्यम से बीते समय के खुशी के पलों के बारे में मरीज से बात करें। उसके साथ आॅनलाइन कैरम, लूडो, सतरंज, सांप सीढ़ी जैसे गेम खेलें।
नकारात्मक व भ्रामक खबरों से दूरी
कोरोना या तात्कालिक किसी विषय पर नकारात्मक या भ्रामण खबरों को मरीज के साथ साझा न करें। विशेषकर मौतों के डरावने आंकड़े, आॅक्सीजन सिलिंडर की कमी, किसी परिचित के निधन या बीमार पड़ने जैसी जानकारी बीमार को न बताएं।
स्वाद व पसंद के बारे में पूछें
मरीज से उसके स्वाद व पसंद के बारे में पूछें। डाॅक्टर की सलाह पर मरीज की पसंद का भोजन दें। बीमार व्यक्ति के मन में सकारात्मकता पैदा करें। उसे उसकी रुचि के अनुसार पेंटिंग करने, कविता, डायरी लिखने, गाना-बजानेे, किताब पढ़ने आदि के लिए प्रेरित करने के साथ जरूरी सामग्री उपलब्ध कराएं।
तनाव से बाहर निकालने में मदद
मरीज मन उदास, घबराहट या किसी तरह का तनाव होने की बात कहें तो सब ठीक हो जाएगा कहकर कोरी तसल्ली देने के बजाय उससे विस्तार से बात करें। इससे अलावा मरीज को योग, ध्यान आदि करने के लिए प्रोत्साहित करें।
मरीज के लिए यह सावधानी जरूरी
-सकारात्मक सोचें, खुद को मानसिक रूप से मजबूत रखें।
-कमरे की खिड़की खोलकर प्रकृति को देखें। ताजी हवा लें।
-व्यस्तता के कारण जिन परिचितों से बात नहीं कर पाते हैं उससे बात करें।
-योगा, गेम्स खेलने, मूवी या काॅमेडी देखने आदि के लिए शेड्यूल बनाएं।
-उदासी, तनाव, डर लगने पर दोस्तों या हेल्पलाइन नंबर पर बात करें।
बीमारी से उबारने में मिलेगी मदद
राजकीय मेडिकल काॅलेज हल्द्वानी के वरिष्ठ मनोविज्ञानी डा. युवराज पंत कहते हैं कि कोरोना पाॅजिटिव मरीज को उबारने में परिवार अहम भूमिका निभा सकते है। होम आइसोलेट के दौरान भावनात्मकता व वर्चुअली तरीके से मरीज से जुड़े रहें। उसे सकारात्मक विचारों व कार्यों की तरफ प्रोत्साहित करें। आप ऐसा करते हैं तो मरीज को बीमारी से उबरने में कम समय लगेगा। होम आइसोलेशन का समय आसानी से बीत जाएगा और आपका परिवार पहले की तरह मुस्कुराने लगेगा।
Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें