अल्मोड़ा घाट पिथौरागढ़ हाईवे पर संकट और बढ़ा, हाईवे की सुरक्षा दीवार जमींदोज

अल्मोड़ा घाट पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पांचवें दिन भी बंद रहा। यहां क्रोनिक जोन ओखलगाड़ा में रुक रुक कर भूस्खलन के बीच हालिया करीब दो करोड़ रुपये की लागत से बनी एनएच की सुरक्षा दीवार ही ध्वस्त हो गई है। इससे हाईवे पर संकट और बढ़ गया है।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 05:22 PM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 05:22 PM (IST)
अल्मोड़ा घाट पिथौरागढ़ हाईवे पर संकट और बढ़ा, हाईवे की सुरक्षा दीवार जमींदोज
अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे को दूसरे दिन जोखिम के बीच खोल दिया गया।

जागरण टीम, अल्मोड़ा/दन्यां : पहाड़ में आफत बनी बारिश से लोग सहम उठे हैं। बीते तीन दिनों से लगातार वर्षा ने दुश्वारियां भी बढ़ा दी हैं। सामरिक लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण अल्मोड़ा घाट पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पांचवें दिन भी बंद रहा। यहां क्रोनिक जोन ओखलगाड़ा में रुक रुक कर भूस्खलन के बीच हालिया करीब दो करोड़ रुपये की लागत से बनी एनएच की सुरक्षा दीवार ही ध्वस्त हो गई है। इससे हाईवे पर संकट और बढ़ गया है। उधर दन्यां कस्बे के गौलीगांव में मूसलधार बारिश में पुरानी शैली में बना मकान धराशायी हो गया। हादसे में बुजुर्ग चोटिल हो गई। इधर अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे को दूसरे दिन जोखिम के बीच खोल दिया गया। पर्वतीय अंचल में दोपहर बाद बारिश थमने से कुछ राहत है। 

अबकी मानूसन के पहले ही झटके में अल्मोड़ा घाट पिथौरागढ़ हाईवे पर संकट थम नहीं रहा है। क्रोनिक जोन ओखलगाड़ा में अतिसंवेदनशील पहाड़ी के टूटने से शुरू मुश्किलें अब और बढ़ गई हैं। मकड़ाऊं गांव के सामाजिक कार्यकर्ता विपिन पंत के अनुसार पहाड़ी से लगातार मलबा गिरने से पैदल गुजरना भी खतरे से खाली नहीं रहा। 

बिजली का खंभा खतरे की जद में 

ओखलगाड़ा की पहाड़ी पर लगातार भूस्खलन से बिजली का खंभा खतरे की जद में आ गया है। पहाड़ दरकने का सिलसिला थमा नहीं तो पोल जमींदोज हो सकता है। ग्रामीणों ने विभाग को आगाह किया है कि बारिश व गीली जमीन में करेंट फैलने का जोखिम है। वहीं तमाम गांव ऊर्जा संकट में आ जाएंगे। 

बल्ली की चपेट में आई बुजुर्ग, घायल 

गौलीगांव (धौलादेवी ब्लॉक) के किशन राम पुत्र नाथू राम का पुरानी शैली में बना पत्थरों का मकान अतिवृष्टिï से भरभरा कर गिर गया। घबराहट में जान बचाने को भाग रही उसकी मां के सिर पर बल्ली गिरने से वह घायल हो गई। ग्रामीणों ने गरीब प्रभावित को मदद की गुहार लगाई है। 

भूकटाव से मंदिर की बुनियाद पर खतरा 

वहीं आरेश्वर स्थित प्रसिद्ध मसाण देवता मंदिर का परिसर भी भूधंसाव की जद में है। पूर्व बीडीसी सदस्य हरीश जोशी व समाजिक कार्यकर्ता ईश्वर सिंह ने बताया कि आरागाढ़ कई दिनों से ऊफान पर है। भूकटाव बढऩे से मंदिर की बुनियाद को नुकसान की आशंका है। 

तीन पेयजल योजनाएं ध्वस्त 

धौलादेवी ब्लॉक में तीन बड़ी पोखरी भटवाड़, खूनाखाल व बिनखेत पेयजल योजनाएं ध्वस्त हो गई हैं। इससे दन्यां समेत करीब 40 ग्राम पंचायतों की जलापूर्ति ठप हो गई है। 

भूस्खलन से द्वाराहाट भगतोला रोड बंद 

बीते चार दिनों से लगातार वर्षा से जनजीवन ठहर सा गया है। अब तक सुरक्षित पहाड़ी पर भूस्खलन से द्वाराहाट भगतोला रोड मलबे से पट गई है। चीड़ के पेड़ भी धराशायी हो गए हैं। बैरती बसभीड़ा आंतरिक रोड भी मलबा गिरने से बंद हो गई है। वहीं कुथलाड़, भैंसगाढ़, भुमक आदि बरसाती नाले उफान पर हैं। क्षेत्र में कई पैदल मार्ग भी ध्वस्त हो गए हैं। 

सीएचसी ताड़ीखेत के भवन को खतरा 

रामनगर गनियाद्योली स्टेट हाईवे पर खंडाखाल में भूस्खलन से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का भवन खतरे की जद में आ गया है। बारिश में मलबा खिसकने से सीएचसी की बुनियाद को नुकसान पहुंच रहा है। चीड़ के पेड़ धराशायी होने से भी जोखिम बढ़ गया है।

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