रामनगर में बदहाल है उच्च शिक्षा, कहीं विषय तो कहीं भवन ही नहीं

पांच हजार छात्र संख्या वाले रामनगर पीएनजी पीजी कालेज की तो यहां यूजीसी के मानक के हिसाब से प्राध्यापकों की कमी बनी हुई है। बीए में दो व एमए में एक अतिरिक्त विषय की मांग लंबे समय से की जा रही है।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Sat, 04 Sep 2021 06:40 AM (IST) Updated:Sat, 04 Sep 2021 06:40 AM (IST)
रामनगर में बदहाल है उच्च शिक्षा, कहीं विषय तो कहीं भवन ही नहीं
मालधन में ही करीब चार एकड़ भूमि भवन के लिए खोजी गई।

जागरण संवाददाता, रामनगर : सरकारी उच्च शिक्षण संस्थानों में छात्र कमियों के बीच अध्ययन कर रहे हैं। भवन के लिहाज से मालधन डिग्री कालेज की स्थिति सबसे खराब है। छह साल बीतने के बाद भी कालेज का भवन नही है। जब कि इस कालेज में तीन सौ छात्र हैं। छह साल में कालेज की सिर्फ चाहरदीवारी ही बन पाई है। कालेज जाने का रास्ता अभी नही बन पाया है। रास्ते की वजह से निर्माण कार्य ही बंद है। अब तक शासन ने कालेज के निर्माण की सुध नहीं ली है। बात करें पांच हजार छात्र संख्या वाले रामनगर पीएनजी पीजी कालेज की तो यहां यूजीसी के मानक के हिसाब से प्राध्यापकों की कमी बनी हुई है। बीए में दो व एमए में एक अतिरिक्त विषय की मांग लंबे समय से की जा रही है। लेकिन अब तक विषयों के संचालन की स्वीकृति नहीं मिली है। कालेज में बढ़ती छात्र संख्या से विद्यार्थियों के बैठने के लिए कमरें भी अब कम पड़ रहे है। 

रामनगर व मालधन के कालेज में दिक्कतें

-रामनगर कालेज में शिक्षकों की कमी।

-रामनगर कालेज में एमए में संस्कृत विषय की कमी।

-साइंस फैकल्टी में भी शिक्षकों की कमी।

-एजुकेशन व मिलिट्री साइंस की मांग

-मालधन में कालेज का भवन तक नहीं।

-मालधन में बीए से आगे की पढ़ाई के लिए व्यवस्था नहीं।

- व्यवसायिक पाठयक्रम का संचालन नहीं।

-भवन निर्माण को लेकर संशय की स्थिति

मालधन राजकीय महाविद्यालय का हाल 

वर्ष 2016 में मालधन में राजकीय महाविद्यालय को आइटीआइ के भवन में खोला गया। इसके बाद मालधन में ही करीब चार एकड़ भूमि भवन के लिए खोजी गई। स्नातक से आगे की पढ़ाई के लिए छात्रों को अन्य महाविद्यालयों में जाना पड़ता है। यहां पर छात्र केवल छात्र हिंदी, अंगे्रजी, अर्थशास्त्र, राजनीति विज्ञान, इतिहास विषय ही पढ़ते हैं। व्यवसायिक पाठयक्रम के नाम पर केवल योग विषय ही है। जिस जगह पर भवन प्रस्तावित है। उसमें चाहरदीवारी तो बना दी गई है लेकिन उसके लिए रास्ता नहीं खोजा गया। ग्रामीणों के खेत से अब रास्ता मांगा जा रहा है, लेकिन ग्रामीण द्वारा कुछ शर्त रखी गई है। 

रामनगर महाविद्यालय का हाल

-बीए में एजुकेशन व एमए में संस्कृत विषय नहीं

- बीए में एजुकेशन व मिलिट्री सांइस की मांग छात्र लंबे समय से कर रहे हैं। इसके अलावा बीए में छात्र-छात्राएं संस्कृत तो पढ़ रहे हैं, लेकिन उन्हें एमए में संस्कृत विषय न होने की वजह से रामनगर के बाहरी कालेज का रूख करना पड़ता है। 

साइंस फैकल्टी में शिक्षक कम

साइंस फैकल्टी रसायन विज्ञान में दो ही शिक्षक बीएससी व एमसएसी के छात्रों को पढ़ा रहे हैं। इसके अलावा फिजिक्स में भी यही स्थिति बनी हुई है।  

कॉमर्स व साइंस में भवन की कमी

पीएनजी पीजी कालेज में कॉमर्स के छात्रों के लिए बैठने की जगह कम पड़ रही है। तीन कमरों में कामर्स के एक हजार छात्र पढ़ाई कर रहे हैं।  इसके अलावा साइंस के छात्रों के लिए भी अलग भवन की जरूरत है।

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