पर्यटन सीजन में पार्क में उग रही झाड़िया, मार्ग कूड़ा फैलने से बदहाल, पालिका बनी लापरवाह

शहर के लोअर मालरोड से लगे केनेडी पार्क में तो बरसात के बाद से ही लंबी-लंबी झाड़िया उग आई है। फूलों से महकने वाले इस पार्क में बरसात खत्म होने के बाद भी पालिका द्वारा झाड़ियो का कटान नहीं किया गया है। पर्यटक पार्क में जाने से कतरा रहे है।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Sat, 16 Oct 2021 11:55 AM (IST) Updated:Sat, 16 Oct 2021 11:55 AM (IST)
पर्यटन सीजन में पार्क में उग रही झाड़िया, मार्ग कूड़ा फैलने से बदहाल, पालिका बनी लापरवाह
पर्यटकों को भी आवाजाही में परेशानी उठानी पड़ रही है।

जागरण संवाददाता, नैनीताल। नगर पालिका शहर की सफाई व्यवस्था को लेकर गंभीर नहीं दिख रही। आलम यह है कि शहर के पार्कों में झाड़िया उग आयी है। मुख्य मार्गों से लेकर शहर के संपर्क मार्गों में कूड़े के ढेर लगे रहना तो आम बात है। जिस कारण शहर वासियों के साथ ही पर्यटकों को भी आवाजाही में परेशानी उठानी पड़ रही है। वही पालिका अधिकारी कई शिकायतों के बाद भी अव्यवस्थाओ में सुधार लाने में नाकाम हो रहे है। 

पर्यटन शहर के रूप में पहचान रखने वाले नैनीताल शहर की हालत बदहाल होती जा रही है। बाहरी शहरो से हजारों खर्च कर पर्यटक नैनीताल का सौंदर्य निहारने पहुँचते है। मगर शहर के बदहाल पड़े पार्क और कूड़े से पटे मार्ग पर्यटकों को सुखद अनुभूति नहीं दे रहे। शहर के लोअर मालरोड से लगे केनेडी पार्क में तो बरसात के बाद से ही लंबी-लंबी झाड़िया उग आई है। कभी पेड़ पौधों से गुलजार और फूलों से महकने वाले इस पार्क में बरसात खत्म होने के बाद भी पालिका द्वारा झाड़ियो का कटान नहीं किया गया है। जिससे पर्यटक भी इस पार्क में जाने से कतरा रहे है। 

लाखों लगाकर निर्माण कार्य हुए

शहर के केनेडी पार्क के सुंदरीकरण के लिए एडीबी वित्त पोषित प्रोजेक्ट के तहत लाखों की लागत से निर्माण कार्य किये गए। बीते वर्ष पार्क में पाथवे निर्माण के साथ ही रेलिंग लगाने का कार्य भी किया गया। मगर पार्क का प्राकृतिक सौंदर्य बनाये रखने की ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया। जिस कारण लाखों खर्च करने के बाद भी पार्क की दशा बदहाल है। 

अन्य पार्क में भी काम है अधूरे

शहर के अन्य पार्कों की हालत भी बदहाल बनी हुई है। चार वर्ष पूर्व मल्लीताल स्थित चिल्ड्रन और बाल्मीकि पार्क के सुंदरीकरण का कार्य शुरू किया गया था। जो अब तक पूरा नही हो पाया है। 

महज कागजों में जिंदा है माली पद

शहर के सुंदरीकरण और पार्को की देखरेख के लिए पालिका में 14 माली के पद स्वीकृत है। मगर वर्तमान में पद में कार्यरत होने के बावजूद मालियों से उनका कार्य नहीं लिया जा रहा। पद में तैनात मालियों को पालिका दफ्तर में अटैच कर दिया गया है। चुनिंदा आउटसोर्स कर्मियों के भरोसे पार्कों की देखरेख की व्यवस्था चल रही है। 

कूड़ा बिखरा होना हो गया है आम

शहर की सफाई व्यवस्था के लिए यू तो पालिका में 200 से अधिक पर्यावरण मित्र तैनात है। मगर फिर भी शहर के मुख्य मार्गों समेत अन्य क्षेत्रों में कूड़ा बिखरा होना आम हो गया है। कूड़े से उठती दुर्गंध के कारण शहरवासी और पर्यटकों को नाक मुह सिकोड़कर रास्तों से गुजरना पड़ रहा है। 

ईओ नगर पालिका अशोक वर्मा का कहना है कि पार्को की देखरेख के लिए आउटसोर्स से कर्मचारी तैनात किए गए है। पार्क में झाड़िया उग रही है यह संज्ञान में नहीं है। कर्मियों को लगाकर झाड़ियो को साफ करवाया जाएगा। कूड़ा प्रबंधन के लिए नगर सफाई निरीक्षक को निर्देशित किया जाएगा।

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