ऊधमसिंह नगर में पंचायत बोर्ड बैठक में खींचा जिले के विकास का खाका

बोर्ड बैठक पूर्वाह्न साढ़े 11 बजे कोरम पूरा होते ही शुरू हो गई। अध्यक्ष रेनू गंगवार के सामने पंचायतीराज मंत्री अरङ्क्षवद पांडेय के प्रतिनिधि सुरेश गंगवार ने बैठक के एजेंडे पर चर्चा शुरू की। लाइसेंस शुल्क माफ करने का प्रस्ताव रखा। आधे घंटे में चार प्रस्‍ताव पास हुए।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 10:43 PM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 10:43 PM (IST)
ऊधमसिंह नगर में पंचायत बोर्ड बैठक में खींचा जिले के विकास का खाका
जिला योजना में बजट इस बार भी कोरोना काल का बहाना बनाकर डीएम ने जारी नहीं किया।

जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : जिला पंचायत की बोर्ड बैठक पूर्वाह्न साढ़े 11 बजे कोरम पूरा होते ही शुरू हो गई। अध्यक्ष रेनू गंगवार के सामने पंचायतीराज मंत्री अरङ्क्षवद पांडेय के प्रतिनिधि सुरेश गंगवार ने बैठक के एजेंडे पर चर्चा शुरू की।

कहा कि कोरोना संक्रमण काल के दौरान जिला पंचायत की वित्तीय आय काफी कम रही। लाइसेंस शुल्क माफ करने का प्रस्ताव रखा। बताया कि लदान-ढुलान शुल्क की वसूली के लिए अपनाई टेंडर प्रक्रिया में एक भी ठेकेदार सामने नहीं आया। ऐसे में शुल्क वसूली बैरियर से नहीं हो सकी। इसको लेकर प्रस्ताव दिया कि वसूली के लिए वर्ष 2018- 19 के अनुसार टेंडर कर दिए जाएं। जिस पर सभी सदस्यों ने अपनी सहमति देकर प्रस्ताव पास कर दिया। चार सूत्री एजेंडे पर चर्चा शुरू की गई।

प्रभारी अपर मुख्य अधिकारी कमलेश बिष्ट ने एजेंडा पढ़कर सुनाया। गंगवार ने प्रस्ताव रखा कि जिले में खनन की रॉयल्टी सदस्यों को दिलाई जानी चाहिए। जलाशयों की आय का 20 फीसद जिला पंचायत को मिलना चाहिए। जिला योजना में बजट इस बार भी कोरोना काल का बहाना बनाकर डीएम ने जारी नहीं किया। इस पर सदस्यों ने धरना देने कलक्ट्रेट की ओर कूच कर गए। जहां तीन घंटे तक सवा 12 बजे दोपहर से साढ़े तीन बजे तक धरना चला लेकिन डीएम जिला पंचायत सदस्यों की बात सुनने कार्यालय से बाहर नहीं आईं।

मुख्यमंत्री का भांजा जिपंस भी धरने पर

जिला पंचायत बोर्ड की आपातकालीन बैठक लगभग चार बजे शुरू हुई। सितारगंज से जिला पंचायत सदस्य अशना अहमद ने प्रस्ताव रखा कि डीएम का स्थानांतरण किया जाए। बैठक में प्रतिभाग न करने वाले अधिकारियों के खिलाफ भी ङ्क्षनदा प्रस्ताव पेश किया। जिसका सभी 34 सदस्यों ने मेज थपथपा कर प्रस्ताव पर सहमति दी। साथ ही जिला योजना का बजट न देने पर सभी ने एक मत से आक्रोशित होकर कहा कि सरकार जब भाजपा की है और जिला पंचायत अध्यक्ष भी भाजपा की हैं। तब जिले का विकास पूरी तरह ठप है। जिला पंचायत सदस्य किस तरह क्षेत्र में विकास कार्यक्रम चलाएं। आम जनता के कार्य नहीं होंगे तो उनका पद पर बने रहना किस काम का।

खटीमा से जिला पंचायत सदस्य चंद्रशेखर मुंडेला ने भी प्रस्ताव का समर्थन किया। वह मुख्यमंत्री पुष्कर ङ्क्षसह धामी के सगे भांजे हैं।उनका कहना था कि यह विकट स्थिति है कि बोर्ड बैठक की एहमियत जिलास्तरीय अधिकारी नहीं समझ रहे हैं। यह पहला मामला है कि जब जिला पंचायत सदस्य जहां कलक्ट्रेट पर धरने पर बैठे। वहीं आपातकालीन बैठक बुलाई गई और ङ्क्षनदा प्रस्ताव पारित किया गया।

एडीएम बोले, बैठक का नहीं मिला निमंत्रण

कलक्ट्रेट में धरना दे रहे जिला पंचायत सदस्यों को मनाने पहुंचे एडीएम जगदीश चंद्र कांडपाल ने कहा कि डीएम को बैठक का निमंत्रण नहीं मिला। इस पर भाजपा नेता सुरेश गंगवार ने उनको फाइल दिखाई जिसमें एजेंडा भेजने व बैठक की जानकारी दी गई थी।

विधायक पहली बार प्रशासन के साथ, बोले, हमने कभी जिद नहीं की

कलक्ट्रेट में डीएम के साथ ही वात्सल्य योजना सहित डीएसओ कार्यालय में समस्याओं के निस्तारण के लिए पहुंंचे विधायक राजकुमार ठुकराल को एडीएम जगदीशचंद्र कांडपाल ने फोन कर बुलाया। उनसे कहा कि वह इस समस्या का निस्तारण कराएं। इस पर विधायक ने भाजपा नेता सुरेश गंगवार से धरना समाप्त कर डीएम से मिलने का आग्रह किया। सुरेश एक बार मान गए लेकिन जिला पंचायत सदस्यों ने इंकार कर दिया। सभी का कहना था कि डीएम जब अपनी बात पर अड़ी हैं तो वह भी अड़े रहेंगे । जब तक वह बाहर नहीं आतीं और उनकी बात नहीं सुनतीं धरना जारी रहेगा। बाद में निर्णय हुआ कि यहां से धरना खत्म कर दिया जाए और जिला पंचायत पहुंचकर ङ्क्षनदा प्रस्ताव रखा जाए।

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