बेटे के इलाज को बाइक रखी गिरवी, शादी की तारीख बढ़ाई आगे, रोडवेजकर्मियों को वेतन न मिलने से हालत खराब

हल्द्वानी डिपो के एक परिचालक ने बेटे के इलाज के लिए पहले रिश्तेदारों से कर्जा लिया। उसके बाद बाइक भी गिरवी रखनी पड़ी। वहीं एक अन्य महिला परिचालक के संक्रमित होने पर बहनों ने किसी तरह इलाज करवाया। अब पढ़ाई कर रही बेटी के लिए पैसे जुटाने का संकट है।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Sat, 12 Jun 2021 07:35 AM (IST) Updated:Sat, 12 Jun 2021 07:35 AM (IST)
बेटे के इलाज को बाइक रखी गिरवी, शादी की तारीख बढ़ाई आगे, रोडवेजकर्मियों को वेतन न मिलने से हालत खराब
छह हजार कर्मचारी और अफसरों को जनवरी से अब तक का वेतन नहीं मिल पाया।

गोविंद बिष्ट, हल्द्वानी: उत्तराखंड परिवहन निगम के कर्मचारियों की आॢथक स्थिति लगातार बिगड़ रही है। मुख्यालय इस साल एक महीने की भी तनख्वाह नहीं दे सका। राशन का संकट तो जैसे-तैसे दूर हो जा रहा है। लेकिन परिवार में उपचार या किसी अन्य काम के लिए पैसों की जरूरत पड?े पर कर्जा लेकर काम चलाना पड़ रहा है। हल्द्वानी डिपो के एक परिचालक ने बेटे के इलाज के लिए पहले रिश्तेदारों से कर्जा लिया। उसके बाद बाइक भी गिरवी रखनी पड़ी। वहीं, एक अन्य महिला परिचालक के संक्रमित होने पर बहनों ने किसी तरह इलाज करवाया। अब मेडिकल की पढ़ाई कर रही बेटी के लिए पैसे जुटाने का संकट है।

लॉकडाउन और फिर कोविड कफ्र्यू ने रोडवेज की कमाई का ग्राफ काफी हद तक डाउन कर दिया। पीक सीजन में संचालन सीमित होने का असर सबसे पहले कर्मचारियों की तनख्वाह पर पड़ा। जिस वजह से छह हजार कर्मचारी और अफसरों को जनवरी से अब तक का वेतन नहीं मिल पाया। अब इस स्थिति में घर चलाना मुश्किल हो चुका है। रोडवेज कर्मचारियों का कहना है कि मई में हल्द्वानी व काठगोदाम डिपो में तीन कर्मचारियों के घर व बेटी व बेटों की शादी थी, लेकिन खाने के संकट वाले इस दौर में शहनाई की तारीख आगे बढ़ाना उन्होंने सही समझा। वहीं, बड़ी संख्या में ऐसे कर्मचारी भी है जिन्होंने परिवार पालने के लिए फंड भी निकाल लिया।

कर्मचारियों का दर्द

30 अप्रैल को संक्रमित होने पर कर्जा लेना पड़ा था। किराये के मकान पर रहकर जैेसे-तैसे बेटी को पढ़ा रही हूं। बहनों ने इलाज में आॢथक मदद की तब जाकर ठीक हुई। खाने के लिए कंट्रोल के राशन पर निर्भर हूं। स्वस्थ होने के बाद से फिर ड्यूटी में आ गई थी। रोज लगता है कि सैलरी आज तो आ जाएगी। लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं।

ऊषा नैनवाल, परिचालक

खेलने के दौरान छह साल के बेटे दक्ष के सिर पर गंभीर चोट आ गई थी। डाक्टर के मुताबिक दो साल तक उसका इलाज चलेगा। 70 हजार से ऊपर खर्च हो गए। इससे पहले पत्नी के बीमार होने पर कर्जा लिया था। अब बेटे के इलाज के लिए अपनी बाइक भी किसी के पास गिरवी रख दी। फंड के पैसे पहले ही खत्म हो गए थे। इस स्थिति में भी कोई सुनवाई नहीं।

नितेश शर्मा, परिचालक

धरना देकर अफसरों पर गरजे कर्मचारी

कर्मचारियों की समस्या को लेकर रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद ने मोर्चा खोल दिया है। गुरुवार को प्रदेश भर के डिपो में दो दिवसीय धरना शुरू हो गया। मांग पूरी नहीं होने पर आगे की रणनीति बनाई जाएगी। बस स्टेशन पर धरने को संबोधित करते हुए कर्मचारी नेता उमेश जोशी, आरएस नेगी व बीडी सांगुड़ी ने कहा कि संक्रमण से मृत कर्मचारियों को तत्काल आॢथक सहायता देने के साथ पांच माह का वेतन भी जारी किया जाए। उत्तरांचल पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक-संगठन ने भी धरने को समर्थन दिया। प्रदर्शन में भाष्करानंद मिश्रा, एकता पाल, नंदी देवी, नीमा डालाकोटी, प्रभा पांडे, पुष्पा देवी, सरोज सती, सुरेंद्र रावत आदि शामिल थे। वहीं, काठगोदाम में मंडल अध्यक्ष आन सिंह जीना के नेतृत्व में धरना दिया गया।

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