विद्यार्थियों के फीडबैक से भरा जाएगा कुमाऊं विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों का अप्रेजल

कोरोना लाकडाउन के बाद अध्यापन व शोध से मुंह फेर चुके कुमाऊं विवि के प्राध्यापकों के लिए बुरी खबर है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 28 Nov 2020 07:08 PM (IST) Updated:Sat, 28 Nov 2020 07:08 PM (IST)
विद्यार्थियों के फीडबैक से भरा जाएगा कुमाऊं विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों का अप्रेजल
विद्यार्थियों के फीडबैक से भरा जाएगा कुमाऊं विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों का अप्रेजल

जागरण संवाददाता, नैनीताल : कोरोना लाकडाउन के बाद अध्यापन व शोध से मुंह फेर चुके कुमाऊं विवि के प्राध्यापकों के लिए बुरी खबर है। अब विभागाध्यक्ष की माह के अंत की रिपोर्ट के बाद ही उन्हें वेतन मिलेगा। उनका अप्रेजल भी विद्यार्थियों के फीडबैक से भरा जाएगा। विवि कार्यपरिषद ने उन्हें पांच घंटा कालेज में अध्यापन करना भी जरूरी कर दिया है।

लाकडाउन के बाद भले ही आनलाइन शिक्षण को लेकर कितने दावे किए गए हों, मगर कुमाऊं विवि के परिसरों में अधिकतर विषयों में प्राध्यापकों के ढुलमुल रवैये के कारण शोध व अध्यापन करीब-करीब अब भी ठप है। ऐसे में अब विवि कार्य परिषद ने प्रस्ताव पास कर दिया है कि प्राध्यापकों के अध्यापन का मूल्यांकन कोई सरकारी या निजी एजेंसी नहीं, बल्कि उनके ही विद्यार्थी करेंगे। विवि की वेबसाइट के जरिए छात्रों से फीडबैक भी मांगा गया है। इसमें छात्र-छात्राएं बताएंगे कि प्राध्यापक आनलाइन पढ़ा रहे हैं या नहीं। क्या वे समय पर क्लास में आ रहे हैं। बिना तैयारी के तो नहीं आ रहे हैं, परीक्षा मूल्यांकन निष्पक्ष तरीके से कर रहे हैं या नहीं। वेबसाइट में छात्रों से फीडबैक से संबंधित 50 सवाल पूछे गए हैं। कुलपति प्रो. एनके जोशी के अनुसार, विद्यार्थियों से मिले फीडबैक के आधार पर ही प्राध्यापकों का सालाना अप्रेजल भरा जाएगा। उन्होंने साफ किया है कि अध्यापन व शोध को लेकर जवाबदेही तय की जा रही है।

शुक्रवार को हुई थी कार्य परिषद की बैठक

कुमाऊं विवि कार्य परिषद की बैठक शुक्रवार को हुई थी, जिसमें यह फैसला लिया गया है। कुलपति प्रो. एनके जोशी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में प्रवेश प्रक्रिया, एडमिशन मेरिट लिस्ट, परीक्षा संचालन, परिणामों की घोषणा, डिजिटल डिग्री जारी करने, शिकायत निवारण आदि कार्य आनलाइन करने पर भी सहमति जताई गई थी।

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