हल्द्वानी नगर निगम बोर्ड के कार्यकाल को तीन साल पूरे, ये चुनौतियां अब भी बरकरार
शहर की सरकार ने आज तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा कर लिया है। अभी तक नए क्षेत्र में सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं हुई है। कूड़ा वाहन खरीदने के बाद भी आधे शहर में नियमित रूप से डोर-टू-डोर कूड़ा उठान की सुविधा नहीं मिल पाई है।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : शहर की सरकार ने आज तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा कर लिया है। अभी तक नए क्षेत्र में सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं हुई है। कूड़ा वाहन खरीदने के बाद भी आधे शहर में नियमित रूप से डोर-टू-डोर कूड़ा उठान की सुविधा नहीं मिल पाई है। तीन वर्ष में कई विकास योजनाओं की बुनियाद पड़ी, लेकिन इनका आकार लेना बाकी है। स्ट्रीट लाइट, पार्क सुंदरीकरण की कुछ योजनाओं का जनता को लाभ मिलने लगा है। प्रस्तुत है तीन वर्ष के सफर पर पड़ताल आधारित रिपोर्ट।
इनके पूरे होने का इंतजार
सीवर ट्रीटमेंट प्लांट
अमृत योजना के तहत गौला रोखड़ में बन रहे 28 एमएलडी क्षमता के एसटीपी का निर्माण कार्य जारी है। 35.58 करोड़ की परियोजना का 50 प्रतिशत कार्य हो चुका है। कार्यदायी संस्था पेयजल निगम ने मार्च 2022 तक प्रोजेक्ट पूरा करने का लक्ष्य तय किया है। शहर के पुराने क्षेत्र को एसटीपी से जोड़ा जाना है।
विद्युत शवदाह गृह
रानीबाग में बिजली संचालित शवदाह गृह की मांग दशकों पुरानी है। 2.91 करोड़ की लागत से बनने वाले प्रोजेक्ट के लिए पहले चरण में 1.16 करोड़ रुपये जारी हुए। परियोजना का करीब 70 फीसद कार्य पूरा हो गया है। निगम की ओर से उपयोगिता प्रमाणपत्र जाने के बाद शासन से दूसरी किस्त नहीं मिल पाई है।
एसडब्ल्यूएम कंपोस्ट प्लांट
ठोस अपशिष्ट प्रबंधन कंपोस्ट प्लांट की 33.97 करोड़ की डीपीआर को सितंबर 2018 में मंजूरी मिली थी। पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मोड में बनने वाले प्लांट के तकनीकी कार्य के लिए टेंडर नहीं हुए हैं। शासन ने पिछले सप्ताह टेंडर की शर्तों में बदलाव को मंजूरी दी है। अब टेंडर होने की उम्मीद जगी है।
ये चुनौतियां बरकरार
पर्यावरण मित्रों की नियुक्ति
27 नए वार्डों में पर्यावरण मित्रों की नियुक्ति नहीं हो पाई है। स्थानीय लोग व पार्षद कर्मचारियों की नियुक्ति की मांग उठाते हैं, लेकिन मोटे खर्च को देखकर निगम प्रशासन कर्मचारियों की तैनाती से बचते आ रहा है।
घरों से नियमित कूड़ा उठान
नव सम्मिलित वार्डों में घरों, प्रतिष्ठानों से रोजाना कूड़ा नहीं उठता। ठोस अपशिष्ट प्रबंधन अधिनियम के तहत रोज कूड़ा उठना जरूरी है। चार माह पहले निगम ने वाहन खरीदे। चालक-परिचालक की नियुक्ति नहीं हुई है।
एबीसी सेंटर बना, शुरू होना शेष
शहर में लावारिश कुत्तों की बढ़ती संख्या पर अंकुश लगाने के लिए 46.16 लाख रुपये की लागत से एनिमल बर्थ कंट्रोल (एबीसी) सेंटर का भवन बनकर तैयार है। उपकरण लगाने के साथ संचालित होने का इंतजार है।
शहर को मिली ये सौगात
-मुखानी चौराहे से ऊंचापुल तक स्ट्रीट लाइट शुरू
-शहर के विभिन्न हिस्सों में 60 किमी सीवर लाइन बिछाई
-पुराने शहर की एलईडी स्ट्रीट लाइट एलईडी में बदली
-नए क्षेत्रों स्ट्रीट लाइट लगाने का कार्य 30 फीसद पूरा
-14 पार्कों को ओपन जिम, चिल्ड्रन पार्क बनाने का कार्य गतिमान
-डा. भीमराव आंबेडकर पार्क दमुवाढूंगा का कार्य अंतिम चरण में
-राजपुरा समेत अन्य जगहों पर पेयजल पुनर्गठन का कार्य
तीन प्रमुख प्रोजेक्ट चल रहा काम
महापौर डा. जोगेंद्र रौतेला ने बताया कि शहर की जरूरत के तीन प्रमुख प्रोजेक्ट का काम तेजी से चल रहा है। कोविड के व्यवधान के बावजूद कई अहम योजनाओं का कार्य अंतिम चरण में हैं। नव वर्ष से पहले नए वार्डों को पर्यावरण मित्रों की नियुक्ति के साथ कूड़ा वाहनों का संचालन शुरू करा दिया जाएगा।