बागेश्‍वर के दुलम गांव में स्ट्राबेरी से महकेगी बगिया, काश्तकारों की चार लाख रुपए की होगी आय

दुलम गांव जल्द ही स्ट्राबेरी की खेती से आबाद होने जा रहा है। इस प्रोजेक्ट की संभावनाओं को देखते हुए अन्य गांवों में भी जलवायु के अनुसार कलस्टर तैयार किए जाने की योजनाएं बनाई जा रही है। ताकि काश्तकारों की आय दोगुनी हो सके।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Sat, 20 Feb 2021 06:43 PM (IST) Updated:Sat, 20 Feb 2021 06:43 PM (IST)
बागेश्‍वर के दुलम गांव में स्ट्राबेरी से महकेगी बगिया, काश्तकारों की चार लाख रुपए की होगी आय
55 क्विंटल स्ट्राबेरी के उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है।

जागरण संवाददाता, बागेश्वर : कपकोट ब्लाक का दुर्गम दुलम गांव जल्द ही स्ट्राबेरी की खेती से आबाद होने जा रहा है। इस प्रोजेक्ट की संभावनाओं को देखते हुए अन्य गांवों में भी जलवायु के अनुसार कलस्टर तैयार किए जाने की योजनाएं बनाई जा रही है। ताकि काश्तकारों की आय दोगुनी हो सके।

ग्राम्या फेज-2 परियोजना के तहत दुलम गांव में स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से एक एकड़ की भूमि पर स्ट्राबेरी का उत्पादन किया जा रहा है। योजना के तहत एक एकड़ भूमि पर विंटर डाउन प्रजाति के 25 हजार पौधे लगाए गए हैं। उत्पादन बढ़ाया जा सके इसके लिए मल्बिंग सीट, जियो मैंब्रेन, ड्रिप सिस्टम लगवाया गया है। इसके अलावा जंगली जानवरों से सुरक्षा के लिए तार बाड़ भी की गई है।

स्ट्राबेरी की खेती एक एकड़ क्षेत्रफल में होगी। 55 क्विंटल स्ट्राबेरी के उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। जिससे काश्तकारों को चार लाख रुपए की आय होगी। टीम लीडर नरेश बिनवाल ने बताया कि स्ट्राबेरी की सी व डी ग्रेड के फलों से ग्राेथ सेंटर शामा में प्रसंस्करण कर जूस तैयार किया जाएगा। अन्य जगहों पर भी यह हो सकता है। काश्तकारों को इसका प्रशिक्षण दिया जा चुका है। ग्राम्या के रामरेख, आर्यन जासवाला, विजय कुमार ने बताया कि पहाड़ की जलवायु स्ट्राबेरी के लिए उपयुक्त है। इसलिए यहां के अनुसार ही प्रजाति मंगाई गई है।

बाजार में भी इसकी काफी डिमांड है। इससे पहले भी शामा में कीवी का सफल उत्पादन किया गया है। जिसका काश्तकार लाभ ले रहे हैं। सीडीओ डीडी पंत ने बताया कि स्ट्राबेरी के लिए और कलस्टर तैयार किए जाएंगे। इससे काश्तकारों की अच्छी आय होगी। स्ट्राबेरी की बाजार में काफी डिमांड है। अन्य जगहों का भी जल्द चयन किया जाएगा।

Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें

chat bot
आपका साथी