नमो देेव्‍यैै : तहसीलदार ज्योति विषम परिस्थितियों में कर रही जन सेवा, कोरोना की दूसरी लहर में लोगों के बीच जाकर कर रहीं जागरूक

तहसीलदार ज्योति नपलच्याल लोहाघाट पाटी और बाराकोट विकास खंडों में जाकर बीमारी के खिलाफ जन जागरूकता की अलख जला रही हैं। विभागीय कार्य निपटाने के साथ वह सुबह से लेकर शाम तक वे बाजारों और कस्बों में जाकर दुकानदारों ग्राहकों एवं आम लोगों से नियमों का पालन करवा रही हैं।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Tue, 13 Apr 2021 05:07 PM (IST) Updated:Tue, 13 Apr 2021 05:07 PM (IST)
नमो देेव्‍यैै : तहसीलदार ज्योति विषम परिस्थितियों में कर रही जन सेवा, कोरोना की दूसरी लहर में लोगों के बीच जाकर कर रहीं जागरूक
एक बार फिर ज्योति धपवाल नपच्याल अपने काम में जुट गई हैं।

चम्पावत, विनोद चतुर्वेदी। जिले में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की दस्तक शुरू होने के बाद प्रशासन ने महामारी से बचाव के लिए नए सिरे से प्रबंधन शुरू कर दिया है। बीमारी के पहले चरण से लेकर अब तक जिन कोरोना वॉरियर्स ने अपनी जान की परवाह किए बगैर खतरनाक वायरस को फैलने से रोका था, अब वही एक बार फिर इस बीमारी के खिलाफ जंग में उतर आए हैं।

कोरोना के खिलाफ दूसरी बार जंग में उतरी चम्पावत तहसीलदार ज्योति नपलच्याल भी शामिल हैं। ज्योति चम्पावत बल्कि लोहाघाट, पाटी और बाराकोट विकास खंडों में भी इस बीमारी के खिलाफ जन जागरूकता की अलख जला रही हैं। मूलरूप से धारचूला के नेपलच्यु गांव की रहने वाली तहसीलदार ज्योति धपवाल नपलच्याल बीते वर्ष फरवरी माह में अल्मोड़ा जिले से प्रमोशन होकर यहां आई थीं। चम्पावत में पदभार ग्रहण करने के कुछ दिन बाद ही कोरोना महामारी ने दस्तक दे दी।

बतौर तहसीलदार उन्होंने इस महामारी से लोगों को बचाने का बीड़ा उठाया और डीएम के आदेश के बाद प्रवासियों की स्क्रीनिंग के साथ कोविड सेंटरों में उनकी देखरेख शुरू कर दी। संवेदनशील क्षेत्रों में जाकर उन्होंने लोगों को मास्क बांटे और कोविड से बचने के तौर तरीके बताए। बाद में उन्हें कोविड सेंटरों के निरीक्षण का जिम्मा मिला जिसे उन्होंने बखूबी निभाया। अब जबकि कोरोना की दूसरी लहर शुरू हो गई है, एक बार फिर ज्योति धपवाल नपच्याल अपने काम में जुट गई हैं।

इस समय उनके पास पाटी, लोहाघाट एवं बाराकोट तहसीलों का अतिरिक्त प्रभार भी है। संबंधित तहसीलों में लोगों को कोविड के नियमों का पालन करवाना उनकी जिम्मेदारी में शामिल है। विभागीय कार्य निपटाने के साथ वह सुबह से लेकर शाम तक वे बाजारों और कस्बों में जाकर दुकानदारों, ग्राहकों एवं आम लोगों से कोविड के नियमों का पालन करवा रही हैं। ज्योति के पति महेश सिंह नपलच्याल का तीन वर्ष पूर्व हृदयगति रुकने से निधन हो गया था। पति को खोने के बाद परिवार में पैदा हुई विषम परिस्थितियों में भी कार्य के प्रति उनकी निष्ठा उन्हें श्रेष्ठ नारियों में स्थान दिलाती है। उनकी दो बेटियां हैं, जिनकी देखरेख उनकी सास करती हैं। 

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