पढ़ाई के अलावा दूसरे काम नहीं करेंगे शिक्षक

बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो, इसे देखते हुए शासन ने अहम फैसला लिया है।

By Edited By: Publish:Thu, 20 Sep 2018 10:30 AM (IST) Updated:Thu, 20 Sep 2018 04:30 PM (IST)
पढ़ाई के अलावा दूसरे काम नहीं करेंगे शिक्षक
पढ़ाई के अलावा दूसरे काम नहीं करेंगे शिक्षक
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो, इसे देखते हुए शासन ने अहम फैसला लिया है। सरकारी स्कूलों के बेसिक शिक्षकों को पठन-पाठन के अतिरिक्त दूसरे कामों में नहीं लगाया जाएगा। सचिव उत्तराखंड शासन डॉ. भूपिंदर कौर औलख की ओर से जिलाधिकारियों को जारी निर्देश में कहा गया है कि प्रदेश में मुफ्त एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 लागू है। जिसकी धारा 27 के तहत व्यवस्था है कि किसी भी शिक्षक को दस वर्षीय जनगणना, आपदा राहत, स्थानीय निकाय विधानसभा-संसद चुनाव को छोड़कर अन्य कार्यो में नहीं लगाया जाएगा। सचिव ने इसका कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराने को कहा है। इधर, प्राथमिक शिक्षक संघ के नैनीताल जिला मंत्री डीएस पडियार का कहना है कि संगठन लंबे समय से इसकी मांग उठा रहा था। छात्र हित के लिए यह जरूरी था। शिक्षक हैं नहीं कैसे संवरे बच्चों भविष्य रानीखेत : अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे से सटे जीआइसी लोहाली में महत्वपूर्ण विषयों के शिक्षक ही नहीं हैं। जिस कारण विद्यार्थियों को पठन पाठन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। शिक्षकों की नियुक्ति को अभिभावक लामबंद होने लगे हैं। दो टूक चेतावनी दी शीघ्र शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की गई तो शिक्षकों के लिए सड़क पर उतरने को बाध्य होंगे। हाईवे से सटे जीआइसी लोहाली में विगत कई वषरें से भौतिक विज्ञान, हिंदी, संस्कृत जैसे महत्वपूर्ण विषयों के साथ ही प्रधानाचार्य का पद रिक्त है। शिक्षकों की नियुक्ति न होने से गुस्साए अभिभावकों ने बैठक की। वक्ताओं ने कहा कि विद्यालय में 270 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं, लेकिन महत्वपूर्ण विषयों के अध्यापक न होने से उनका भविष्य अंधकार हो रहा है। ग्रामीणों ने अपर शिक्षा निदेशक को ज्ञापन भेज रिक्त पदों पर तैनाती की मांग की है। शोपीस बने कंप्यूटर विद्यार्थियों को आधुनिक शिक्षा देने को विद्यालय में पाच कंप्यूटर भी लगे हैं। लेकिन शिक्षक व उपयोग न होने के कारण शोपीस बने हुए हैं। इसके अलावा सफाई कर्मी व चौकीदार की तैनाती ना होने से विद्यालय में गंदगी का अंबार लगा है। वषरें पुरानी पेयजल लाइन भी क्षतिग्रस्त हो चुकी है, वहीं रखरखाव के अभाव में कक्षा कक्षों की खिड़किया व दरवाजे टूटने के कगार पर हैं।
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