नैनीताल में टैक्सी चालक व संचालकों पर कोराना महामारी की दोहरी मार

बैंकों से ऋण लेकर टैक्सी खरीदकर आजीविका चला रहे संचालक आर्थिक मुसीबतों के दौर में जी रहे हैं। नैनीताल में करीब एक हजार परिवार टैक्सी कारोबार पर निर्भर हैं। शहर में करीब सात सौ टैक्सियों का संचालन होता है जो पूरी तरह पर्यटन पर निर्भर हैं।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Wed, 05 May 2021 11:55 AM (IST) Updated:Wed, 05 May 2021 11:55 AM (IST)
नैनीताल में टैक्सी चालक व संचालकों पर कोराना महामारी की दोहरी मार
टैक्सी ट्रैवल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष नीरज जोशी ने पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज व पर्यटन सचिव को प्रत्यावेदन भेजा है

जागरण संवाददाता, नैनीताल : सरोवर नगरी में कोविड कर्फ्यू के बाद टैक्सी कारोबार लड़खड़ा गया है। आलम यह है कि बैंकों से ऋण लेकर टैक्सी खरीदकर आजीविका चला रहे संचालक आर्थिक मुसीबतों के दौर में जी रहे हैं। नैनीताल में करीब एक हजार परिवार टैक्सी कारोबार पर निर्भर हैं। शहर में करीब सात सौ टैक्सियों का संचालन होता है, जो पूरी तरह पर्यटन पर निर्भर हैं। लोकल टूर व लेक टूर ही इनकी कमाई का जरिया है मगर कोविड गाइडलाइन लागू होने के बाद से टैक्सियां पार्किंग या सड़कों के किनारे पार्क हैं। अब टैक्सी ट्रैवल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष नीरज जोशी ने पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज व पर्यटन सचिव को प्रत्यावेदन भेजा है। साथ ही सुझाव भी भेजे हैं।

यह हैं सुझाव

 - उत्तराखंड सरकार  विभिन्न माध्यम से पर्यटक को पूर्ण रूप से आश्वस्त करे कि आरटीपीसीआर  रिपोर्ट के साथ उत्तराखंड के पर्यटक स्थल घूम सकते हैं।

- टैक्सी मैक्सी पर्यटक बसों का कारोबार बंद होने के कारण इस व्यवसाय में बड़ा नुकसान हुआ है, लिहाजा 2020 से 2021 के अंत तक सभी प्रकार के टैक्स, बीमा,परमिट,फिटनेस एवं अन्य प्रकार के दस्तावेज को माफ किया जाए।

- राज्य में प्रवेश करने वाले पर्यटक वाहनों का बॉर्डर पर लिया जाने वाला टैक्स  वर्ष 2021के अंत तक ना लिया जाए।

-सरकार की ओर से टैक्सी संचालकों को भी आर्थिक मदद दी जाए।

- उत्तराखंड के सभी पर्यटक स्थल जहां पर प्रवेश शुल्क लिया जाता है, उसे  कम से कम किया जाए।

- यदि शीतकाल से पहले महामारी का असर न्यूनतम होता है तो प्रदेश में हर  पर्यटन जिले में शीतकालीन रंगारंग कार्यक्रम विंटर कार्निवाल  का आयोजन किया जाए।

पर्यटन व्यवसाय से जुड़े छोटे कारोबारियों को  ब्याज मुक्त अथवा कम ब्याज युक्त बैंक ऋण उपलब्ध कराया जाए ।

- महामारी से निपटने के पश्चात भी उत्तराखंड प्रवेश के सभी द्वारों पर विशेष निगरानी दल यानी मेडिकल टीम की पूर्ण व्यवस्था हो। पर्यटक व स्थानीय नागरिक की जांच के बाद ही राज्य में प्रवेश देना सुनिश्चित किया जाए।

-  महानगरों से लौटे सभी युवाओं के लिए रोजगार उपलब्ध कराने हेतु ग्रामीण क्षेत्रों में ही कैंप लगाकर सरकार की योजनाओं और सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में किए जा रहे विकास और रोजगार परक कार्यों की जानकारी दी जाए।

- कुमाऊं मंडल विकास निगम और गढ़वाल मंडल विकास निगम के सभी रेस्ट हाउस में किराया कम किया जाए।

- व्यवसायिक वाहनों को सैनिटाइज करने हेतु एडवाइजरी सरकार द्वारा जारी की जाए.

- वीर चंद्र सिंह गढ़वाली स्वरोजगार योजना पर दी जाने वाली सब्सिडी को भी  50% तक किया जाए।

- ट्रैवल कारोबार, होटल कारोबार में लगाए गए जीएसटी को भी कम से कम 2 वर्ष के लिए बंद कर दिया जाए

- टैक्सी संचालक को 50 हजार व टैक्सी चालक को 20 हजार आर्थिक सहायता दी जाय।

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