तरुण बंसल को चुनाव का कुशल प्रबंधन व संगठन में सक्रियता का मिला ईनाम
सामाजिक कार्यों में रुचि रखने वाले तरुण बंसल ने बतौर बूथ एजेंट के तौर पर पार्टी में शुरुआत की थी। धीरे-धीरे पार्टी में सक्रिय हो गए। संघ में भी गहरी पकड़ बनती रही। यही वजह रही कि त्रिवेंद्र सरकार में दर्जा राज्य मंत्री के रूप में ईनाम मिला है।
हल्द्वानी, जेएनएन : बचपन से ही सामाजिक कार्यों में रुचि रखने वाले तरुण बंसल ने बतौर बूथ एजेंट के तौर पर पार्टी में शुरुआत की थी। धीरे-धीरे पार्टी में सक्रिय हो गए। संघ में भी गहरी पकड़ बनती रही। यही वजह रही कि उन्हें आज त्रिवेंद्र सरकार में दर्जा राज्य मंत्री के रूप में ईनाम मिला है। उनके चयन से समर्थकों में जश्न का माहौल है।
भोलनाथ गार्डन निवासी 43 वर्षीय तरुण बंसल के सिर से बचपन में ही पिता बृजमोहन बंसल का साया उठ गया था। पर उन्होंने हार नहीं मानी। खुद का व्यवसाय संभालने के साथ ही सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहे। उनकी सक्रियता ही परिणाम था कि उन्हें वर्ष 1994 में ही विधानसभा व लोकसभा प्रत्याशियों को लड़ाने के लिए बूथ एजेंट की जिम्मेदारी दे दी गई थी। इसके बाद वह तमाम अन्य जिम्मेदारियां निभाते रहे।
1996 से 1998 में भाजपा के आनुषांगिक संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में सक्रिय रहे। वर्ष 1998 के बाद वह सक्रिय रूप से राजनीति में आ गए। उन्हें युवा मोर्चा में नगर महामंत्री की जिम्मेदारी मिल गई। साथ ही वह युवा मोर्चा में जिला कार्यकारिणी के सदस्य भी रहे। हमेशा से वह पार्टी की मुख्य धारा की राजनीति के साथ रहे।
यही वजह थी कि उन्हें कुमाऊं मीडिया प्रभारी के अलावा विधानसभा चुनाव में हल्द्वानी विधानसभा क्षेत्र संयोजक, मेयर हल्द्वानी के चुनाव में भी संयोजक की जिम्मेदारी मिली। वह प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत समेत तमाम नेताओं के करीबी माने जाते हैं। उनके संघ में सक्रिय रहने, व्यापारी वर्ग में पहुंच होने, वरिष्ठ नेताओं से नजदीकी और कार्यकर्ताओं बीच अच्छा समन्वय होने के चलते उन्हें पार्टी ने उद्योग मित्र परिषद का उपाध्यक्ष पद से नवाजा है।
अन्य संगठनों में भी निभाई जिम्मेदारी
तरुण ने रामलीला कमेटी में अध्यक्ष, अग्रवाल सभा में महामंत्री, मर्चेट गल्ला एसोसिएशन में महामंत्री से लेकर अध्यक्ष समेत कई सामाजिक व धार्मिक संगठनों में महत्वपूर्ण पदों पर रहे।