आठ दिन से बंद पड़ा है टनकपुर-पिथौरागढ़ हाईवे, आज भी खुलने की उम्मीद नही

टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर आठवें दिन भी आवाजाही नही शुरू हो सकी। स्वाला के पास आये मलवे को हटाने में प्रशासन व कार्यदाई कम्पनी की हालत खराब हो गई है। अब पहली सितंबर को मुख्यमंत्री के टनकपुर के संभावित दौरे से पहले भी यह सड़क खुलेगी संशय बना हुआ है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Mon, 30 Aug 2021 11:14 AM (IST) Updated:Mon, 30 Aug 2021 11:14 AM (IST)
आठ दिन से बंद पड़ा है टनकपुर-पिथौरागढ़ हाईवे, आज भी खुलने की उम्मीद नही
आठ दिन से बंद पड़ा है टनकपुर-पिथौरागढ़ हाईवे, आज भी खुलने की उम्मीद नही

चम्पावत, जागरण संवाददाता : टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर आठवें दिन भी आवाजाही नही शुरू हो सकी। स्वाला के पास आये मलवे को हटाने में प्रशासन व कार्यदाई कम्पनी की हालत खराब हो गई है। अब पहली सितंबर को मुख्यमंत्री के टनकपुर के संभावित दौरे से पहले भी यह सड़क खुलेगी, इस पर संशय बना हुआ है। अगर सड़क नहीं खुलती है तो डीएम, एसपी व अन्य अधिकारियों को टनकपुर जाने के लिए रीठासाहिब सूखीढांग या फिर देवीधूरा से हल्द्वानी का रास्ता पकड़ना होगा। हालांकि सड़क खोलने के लिए स्वांला के भूस्खलन वाले क्षेत्र में कार्यदायी संस्था और मशीनें लगातार काम कर रही हैं।

रविवार को डीएम विनीत तोमर, एसपी लोकेश्वर सिंह, एडीएम एससी द्विवेदी ने स्वांला जाकर तेजी से काम कर सड़क खोलने के निर्देश देने के साथ भूस्खलन वाले क्षेत्र का जायजा भी लिया। एनएच पर टनकपुर-चम्पावत के बीच सड़क संपर्क कटे हुए पूरा एक सप्ताह हो गया है। रविवार को आपदा, पुलिस, आईटीबीपी, जल संस्थान की टीमों ने भी वेग से पानी की बौछारों के साथ मलबे को हटाने की मशक्कत की, लेकिन दिनभर में मलबा साफ नहीं हो सका।

रविवार सुबह धुंध और बारिश थी, लेकिन बाद में मौसम ठीक होने से काम की गति बढ़ी। एनएच खंड के ईई एलडी मथेला ने बताया कि 25 मीटर मलबा हटाया जा चुका है, अब करीब 10 मीटर मलबा हटाया जाना है। दावा किया गया कि अगर पहाड़ी से फिर से भूस्खलन न हुआ तो सोमवार शाम तक सड़क खुल जाएगी। इस कारण चम्पावत-टनकपुर के बीच आवाजाही अब भी रीठा साहिब-सूखीढांग से व हल्द्वानी जाने के लिए देवीधुरा होकर हो रही है।

कृष्ण जन्माष्टमी पर बाजार हुआ ठंडा

23 अगस्त सुबह आठ बजे से बंद सड़क से कारोबार को झटका लगा है। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर भी चहलपहल और उल्लास में इसका असर पड़ा है। आवाजाही थमने से खाने के होटल, मिठाई की दुकान, टैक्सी-जीप संचालक, किराना से लेकर सब्जी के कारोबार में 60 प्रतिशत तक की कमी आई है।

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