सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए करें प्रभावी उपाय : डीएम
सड़क किनारे पड़े हुए बोल्डर एवं सड़क किनारे लटके हुए पेड़ो को अतिशीघ्र हटाया जाए। जरूरत के मुताबिक रैंबल स्ट्रिप तथा स्पीड ब्रेकर लगाने के भी निर्देश भी जिलाधिकारी ने दिए। एनएच के सहायक अभियंता ने बताया कि ऑल वेदर रोड का 95 प्रतिशत कार्य लगभग पूर्ण हो गया है।
जागरण संवाददाता, चम्पावत : जिला सभागार में बुधवार को जिलाधिकारी विनीत तोमर की अध्यक्षता में सड़क सुरक्षा समिति की बैठक आहूत की गई। बैठक में डीएम ने एआरटीओ, लोनिवि, राष्ट्रीय राजमार्ग समेत सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों को सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए विशेष प्रबंध करने के निर्देश दिए।
उन्होंने एआरटीओ को बिना लाइसेंस तथा परमिट के गाड़ी चलने वालों पर सख्त कार्रवाई करने और शराब पीकर वाहन चलाने वाले चालकों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने के निर्देश दिए। लोकनिर्माण विभाग तथा राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिकारियों से दुर्घटना के स्पॉट चिन्हित कर संकेत चिन्हीकरण का कार्य जल्द पूरा करने को कहा। भूस्खलन से क्षतिग्रस्त हुई सड़कों कि मरम्मत का कार्य तेजी से करने और मलबा डंपिंग जोन में ही डालने के निर्देश दिए।
कहा कि सड़क किनारे पड़े हुए बोल्डर एवं सड़क किनारे लटके हुए पेड़ो को अतिशीघ्र हटाया जाए। जरूरत के मुताबिक रैंबल स्ट्रिप तथा स्पीड ब्रेकर लगाने के भी निर्देश भी जिलाधिकारी ने दिए। एनएच के सहायकअभियंता एनसी पांडेय ने बताया कि ऑल वेदर रोड का 95 प्रतिशत कार्य लगभग पूर्ण हो गया है। चल्थी पुल का काम दिसंबर तक पूर्ण करने का लक्ष्य है। डीएम ने एनएच को स्वाला व भारतोली में हुए लैंड स्लाइड स्थान से पहले व बाद में कौशन बोर्ड लगाने के निर्देश दिए। बैठक में पुलिस अधीक्षक देवेन्द्र पींचा, एसडीएम सदर अनिल चन्याल, एआरटीओ रश्मि भट्ट, लोनिवि के ईई एमसी पांडेय, नायाब तहसीलदार पिंकी आर्य, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी गोपाल दत्त पांडेय, बीडी पांडेय सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
चम्पावत बाइपास का प्रस्ताव फिर से भेजें
सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में ऑलवेदर रोड में बनने वाले बाइपास की जानकारी ली। इस पर एई एनएच पांडेय ने बताया कि चम्पावत बाइपास के निर्माण पर एनजीटी ने जरूरत न बताते हुए रोक लगा दी साथ ही लोहाघाट व पिथौरागढ़ बाइपास के एलाइमेंट को ठीक कर पुन: सर्वे कर रिपोर्ट मांगी है। इस पर डीएम तोमर ने कहा कि बढ़ते वाहनों के दबाव को देखते हुए बाइपास की जरूरत है। इसलिए वह पुन: इसकी जरूरत को बताते हुए रिपोर्ट एनजीटी को भेजें। जिससे इसको बनाया जा सके।