पहाड़ पर बढ़ती ठंड में बच्चों और बुजुर्गों का रखें ध्यान, मानें डॉक्टरों की ये बात

हाड़कपाती ठंड में गंभीरता से नौनिहालों का ध्यान न रखना ज्यादा नुकसानदायक हो सकता है। लापरवाही नौनिहालों को और बड़े खतरे की ओर ले जा सकती है। बाल रोग विशेषज्ञ के अनुसार थोड़ी सी सावधानी से नौनिहालों को सर्दियों में होने वाली बीमारियों से बचाया जा सकता है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Wed, 02 Dec 2020 08:18 AM (IST) Updated:Wed, 02 Dec 2020 08:18 AM (IST)
पहाड़ पर बढ़ती ठंड में बच्चों और बुजुर्गों का रखें ध्यान, मानें डॉक्टरों की ये बात
पहाड़ पर बढ़ती ठंड में बच्चों और बुजुर्गों का रखें ध्यान, मानें डॉक्टरों की ये बात

गरमपानी, जेएनएन : हाड़कपाती ठंड में गंभीरता से नौनिहालों का ध्यान न रखना ज्यादा नुकसानदायक हो सकता है। खासकर घर परिवार के लोगों की लापरवाही नौनिहालों को और बड़े खतरे की ओर ले जा सकती है। बाल रोग विशेषज्ञ के अनुसार थोड़ी सी सावधानी से नौनिहालों को सर्दियों में होने वाली बीमारियों से बचाया जा सकता है।

पहाड़ों में ठंड बढ़ने के साथ ही नौनिहाल भी सर्दी जुखाम की चपेट में आ जाते हैं। कोविड-19 के साथ खतरा और बड़ा हो सकता है। ऐसे में थोड़ी सी लापरवाही बच्चों पर भारी पड़ सकती है। खासकर छोटे-छोटे नौनिहालों की देखरेख करने वाले परिजन व बाहर से कार्य कर घर लौट कर आने वाले लोगों को खास सतर्कता की जरूरत है।

चिकित्सकों के अनुसार अच्छे से हाथ ना धोकर बच्चों को गोद में लेना तथा लापरवाही से बीमारी होने का डर बना रहता है। चिकित्सकों के अनुसार सर्दियों में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है पर फिर भी विशेष एहतियात बरत नौनिहालों को सुरक्षित रखा जा सकता है। ठंड बढ़ने के साथ ही अब अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे पर स्थित सीएचसी गरमपानी में भी आसपास के गांवो से सर्दी जुखाम से पीड़ित छोटे छोटे नौनिहालों को लेकर परिजन अस्पताल पहुंचने लगे हैं।

सीएचसी गरमपानी की बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. साक्षी ने बताया कि मौसम बदलने के अलावा परिजनो के जागरुकता के अभाव में बच्चे सर्दियों में सर्दी जुखाम की चपेट में आ जाते हैं। छोटे बच्चों का पालन पोषण करने वालों को बच्चों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। अच्छे से हाथ धोकर ही बच्चों पकड़ना चाहिऐ। विशेष एहतियात बरतना भी जरुरी है। चिकित्सक से परामर्श लेकर ही दवाई देनी चाहिए।

घरेलू उपचार भी रामबाण

सतर्कता से नौनिहालों को बीमारी की जद में आने से बचाया जा सकता है। चिकित्सकों के परामर्श से घरेलू उपचार भी बच्चों में होने वाले सर्दी जुखाम में रामबाण साबित होते हैं। अक्सर सर्दियों में छोटे बच्चों में नाक बंद रहने के कारण बच्चे सो नहीं पाते ऐसे में गर्म पानी की भाप, अदरक तथा शहद का इस्तेमाल बच्चों को बीमारी से बचाने में सहायक होते है।

सतर्कता ही है बचाव

चिकित्सकों के अनुसार सतर्कता से काफी हद तक बच्चों को सर्दियों में होने वाली बीमारियों से बचाया जा सकता है। बाहर से से आने पर अच्छे से हाथ धोना, किसी भी बीमारी से ग्रस्त लोगों के एकदम बच्चे के समीप ना जाना तथा ठंड से बचाव व गर्म चीजों के इस्तेमाल से बच्चों को काफी हद तक सर्दियों में बीमारियों से बचाया जा सकता।

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