विद्युत संविदा कर्मचारियों को न्यूनतम वेतनमान देने में विधिसम्मत निर्णय लें ऊर्जा निगम के एमडी : हाई कोर्ट

विद्युत संविदा कर्मचारी संगठन के अनुसार 2017 में श्रम न्यायालय ने आदेश पारित किया था कि ऊर्जा के तीनों निगमों में उपनल के माध्यम से कार्यरत कर्मचारियों को समान कार्य के लिए समान वेतन व न्यूनतम वेतनमान दिया जाय।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Sat, 16 Jan 2021 10:44 AM (IST) Updated:Sat, 16 Jan 2021 10:44 AM (IST)
विद्युत संविदा कर्मचारियों को न्यूनतम वेतनमान देने में विधिसम्मत निर्णय लें ऊर्जा निगम के एमडी : हाई कोर्ट
एमडी को आठ सप्ताह के भीतर समान कार्य के लिए समान वेतन देने पर विचार करने के निर्देश दिए हैं।

जागरण संवाददाता, नैनीताल : हाई कोर्ट ने विद्युत संविदा कर्मचारियों को ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक को प्रत्यावेदन देने को कहा है। साथ ही एमडी को आठ सप्ताह के भीतर विधि के अनुसार समान कार्य के लिए समान वेतन देने पर विचार करने के निर्देश दिए हैं। अगली सुनवाई शीतकालीन अवकाश के बाद होगी। न्यायाधीश न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की एकलपीठ में मामले की सुनवाई हुई। विद्युत संविदा कर्मचारी संगठन के अनुसार 2017 में श्रम न्यायालय ने आदेश पारित किया था कि ऊर्जा के तीनों निगमों में उपनल के माध्यम से कार्यरत कर्मचारियों को समान कार्य के लिए समान वेतन व न्यूनतम वेतनमान दिया जाय। साथ ही योग्य कर्मचारियों को 2011 की नियमावली के अनुसार नियमित किया जाय।

संगठन के प्रदेश अध्यक्ष विनोद कवि का कहना है कि श्रम अदालत के आदेश के बाद कर्मचारियों को इसका लाभ नहीं दिया गया। ऊर्जा के तीनों निगमों के बहुत से अस्थायी कर्मचारियों को तो यह लाभ दे दिया। जबकि उपनल के माध्यम से कार्यरत करीब तीन हजार कर्मचारियों का 2011 की नियमावली के तहत न तो नियमितीकरण किया गया न ही समान कार्य के लिए समान वेतन दिया गया।  अब श्रम न्यायालय के आदेश के खिलाफ ऊर्जा निगम ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। एकलपीठ ने कर्मचारियों को श्रम न्यायालय के आदेश के साथ प्रत्यावेदन एमडी को देने को कहा। 

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