विभागीय अनदेखी से पर्यटक स्थलों को जोड़ने वाला सुयालबाड़ी-नथुवाखान मोटर मार्ग बदहाल

नथुवाखान-सुयालबाडी़ मोटर मार्ग बदहाल हालत में पहुंच चुका है। ग्रामीणों के कई बार आवाज उठाए जाने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही। बड़े-बड़े गड्ढे दुर्घटना को दावत दे रहे हैं। सुरक्षात्मक कार्यों के अभाव में हादसे की आशंका बनी हुई है।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Tue, 23 Feb 2021 09:08 AM (IST) Updated:Tue, 23 Feb 2021 09:08 AM (IST)
विभागीय अनदेखी से पर्यटक स्थलों को जोड़ने वाला सुयालबाड़ी-नथुवाखान मोटर मार्ग बदहाल
एक बार आने के बाद पर्यटक दूसरी बार आना पसंद नहीं कर रहे।

जागरण संवाददाता, गरमपानी : गांवो में नई सड़कों की स्वीकृति तो खूब मिल रही है पर पुरानी सड़कों का कोई सुध लेवा ही नहीं है। ग्रामीणों को आवाजाही करने में फजीहत का सामना करना पड़ता है। ग्रामीण जान जोखिम में डाल आवाजाही करने को मजबूर है।

अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे से करीब एक दर्जन से अधिक गांवों को जोड़ने वाली नथुवाखान-सुयालबाडी़ मोटर मार्ग बदहाल हालत में पहुंच चुका है। ग्रामीणों के कई बार आवाज उठाए जाने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही। बड़े-बड़े गड्ढे दुर्घटना को दावत दे रहे हैं। सुरक्षात्मक कार्यों के अभाव में हादसे की आशंका बनी हुई है। अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे के बंद होने पर नथुवाखान- सुयालबाड़ी मोटर मार्ग विकल्प के तौर पर भी इस्तेमाल किया जाता है। इसी मार्ग से  पर्यटक मुक्तेश्वर जैसे महत्वपूर्ण पर्यटक स्थल को भी आवाजाही करते है। सुप्रसिद्ध ढोकाने वाटरफॉल पर भी इसी मार्ग से पहुंचा जाता हैं पर मोटर मार्ग की दयनीय हालत पर्यटकों को पहुंचने से रोक रही है। एक बार आने के बाद पर्यटक दूसरी बार आना पसंद नहीं कर रहे।

मोटर मार्ग से बसगांव, छिमी, ढोकाने, पालड़ी सुयालगाढ़, टीकुरी, बाज समेत एक दर्जन से अधिक गांवों को आवाजाही होती है। सब्जी उत्पादक  काश्तकार भी इसी रोड से उपज को बड़ी मंडियों तक पहुंचाते हैं पर खस्ताहाल मोटर मार्ग के चलते काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ग्रामीणों ने संबधित विभाग पर गांवो की उपेक्षा का भी आरोप लगाया है। स्थानीय राजेंद्र सिंह, जगदीश उपाध्याय, राजेंद्र सिंह, कुंदन सिंह छिमवाल, कांतिबल्लभ उपाध्याय, नीरज सिंह, भीम सिंह आदि ने मोटर मार्ग को तत्काल दुरुस्त किए जाने की मांग उठाई है। चेताया है कि यदि जल्द मोटर मार्ग दुरुस्त नहीं किया गया तो सड़क पर उतर आंदोलन किया जाएगा।

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