सुशीला तिवारी अस्पताल में चोरी रोकने के लिए अधीक्षक ने पुलिस को लिखा पत्र

मेडिकल कॉलेज में भीड़ का फायदा उठाकर मोबाइल व पर्स आदि की चोरी आम बात हो गई है। चोरी की बढ़ती घटनाओं की शिकायत लोग अस्पताल प्रबंधन से कर रहे हैं। ऐसे में सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक ने इस संबंध में पुलिस विभाग को पत्र लिखा है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 12:01 PM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 12:01 PM (IST)
सुशीला तिवारी अस्पताल में चोरी रोकने के लिए अधीक्षक ने पुलिस को लिखा पत्र
सुशीला तिवारी अस्पताल में चोरी रोकने के लिए अधीक्षक ने पुलिस को लिखा पत्र

हल्द्वानी, जागरण संवाददाता : मेडिकल कॉलेज में भीड़ का फायदा उठाकर मोबाइल व पर्स आदि की चोरी आम बात हो गई है। चोरी की बढ़ती घटनाओं की शिकायत लोग अस्पताल प्रबंधन से कर रहे हैं। ऐसे में सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक ने इस संबंध में पुलिस विभाग को पत्र लिखा है। जिससे मोबाइल फोन की चोरी आदि से जुड़े मामलों को रोका जा सके। इसी बीच पुलिस अस्पताल की ही एक सफाई कर्मचारी से पूछताछ कर रही है। जिस पर कोरोना वार्ड में भर्ती मरीज का मोबाइल फोन चुराने का आरोप है।

सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए पूरे कुमाऊं से मरीज पहुंचते हैं। भीड़ का फायदा उठाकर लोगों के मोबाइल फोन चोरी की घटनाएं आए दिन देखने को मिलती हैं। वहीं सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज से मई माह में दो फोन कोरोना वार्ड से चोरी कर लिए गए थे। जिसमें पीडि़तों ने मेडिकल कॉलेज पुलिस चौकी पहुंचकर मुकदमा पंजीकृत कराया था। पुलिस ने मामले की विवेचना करते हुए दोनों फोन बरामद कर लिए हैं। जिसे अस्पताल की ही एक महिला सफाई कर्मचारी के पास से बरामद किया गया है। फोन मिलने के बाद अस्पताल के अधीक्षक अरुण जोशी ने बताया कि वह खुद ही चोरी की घटनाओं से परेशान हो गए हैं। इसके लिए उन्होंने पीडि़तों को अनिवार्य रूप से मुकदमा दर्ज कराने को कहा है। जिससे फोन चोरी करने वालों का पता लगाया जा सके।

इस तरह बच निकलते हैं चोर

मोबाइल फोन चोरी के मामलों में एफआइआर दर्ज कराने को अक्सर लोगों को हतोत्साहित भी किया जाता है। जिसके पीछे तर्क दिया जाता है कि फोन मिलने तक कोर्ट की कार्रवाई में शामिल होना होगा। फोन कोर्ट के आदेश पर ही वापस दिया जाएगा। जिसका असर है कि थाने व चौकी पहुंचे लोग गुमशुदगी दर्ज कराने के बाद घर लौट जाते हैं। मोबाइल फोन बरामद होने के बाद चुपचाप स्वामी को वापस कर दिया जाता है। जिससे फोन चोरी करने वाले आसानी से बच निकलते हैं।

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