सुमित ही होंगे इंदिरा के उत्तराधिकारी, प्रदेश अध्यक्ष और प्रभारी ने दी शुभकामनाएं

नेता प्रतिपक्ष डा. इंदिरा हृदयेश के निधन के बाद उनके सियासी उत्तराधिकारी को लेकर चर्चाओं का दौर प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने अब खत्म कर दिया है। प्रभारी यादव ने कहा कि मेरी शुभकामनाएं सुमित हृदयेश के साथ हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Fri, 25 Jun 2021 06:03 AM (IST) Updated:Fri, 25 Jun 2021 06:03 AM (IST)
सुमित ही होंगे इंदिरा के उत्तराधिकारी, प्रदेश अध्यक्ष और प्रभारी ने दी शुभकामनाएं
सुमित ही होंगे इंदिरा के उत्तराधिकारी, प्रदेश अध्यक्ष और प्रभारी ने दी शुभकामनाएं

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : नेता प्रतिपक्ष डा. इंदिरा हृदयेश के निधन के बाद उनके सियासी उत्तराधिकारी को लेकर चर्चाओं का दौर प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने अब खत्म कर दिया है। प्रभारी यादव ने कहा कि मेरी शुभकामनाएं सुमित हृदयेश के साथ है कि आने वाले समय में वह हल्द्वानी को बेहतर नेतृत्व दे सके। वहीं, पीसीसी चीफ प्रीतम ने कहा कि इंदिरा के ध्वजवाहक के तौर पर बेटे सुमित का काम किसी से छुपा नहीं है। इसलिए मैं समझता हूं कि उसके अलावा कोई दूसरा जगह लेने वाला दिखाई नहीं देता।

13 जून को नेता प्रतिपक्ष का दिल्ली में हृदय गति रूकने से निधन हो गया था। विधानसभा चुनाव की तैयारियों व रणनीति को लेकर वह पूर्व सीएम हरीश रावत व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह संग बैठक में शामिल होने गई थी। पार्टी की कद्दावर नेता के निधन से कांग्रेस को भी बड़ा झटका लगा। वहीं, डा. इंदिरा के जाने के बाद हल्द्वानी सीट में चुनाव को लेकर चर्चाओं के साथ उम्मीदवारों को लेकर सरगर्मी बढऩे लगी। खासकर इंटरनेट मीडिया पर वीडियो व नाम तैरने लगे। गुरुवार को प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव, पीसीसी चीफ प्रीतम सिंह समेत पक्ष-विपक्ष के बड़े नेता तेरहवीं में इंदिरा को श्रद्धांजलि देने के लिए उनके आवास पहुंचे थे। इस दौरान मीडिया से बात करते हुए प्रीतम ने कहा कि पहले उपचुनाव की स्थिति को देखा जाएगा। अधिसूचना जारी होने पर साथ बैठकर निर्णय लेंगे। वहीं, प्रभारी देवेंद्र ने कहा कि सुमित हृदयेश परिवार के सक्रिय राजनैतिक सदस्य होने के साथ मजबूत भी है।

इंदिरा के अनुभव का लाभ हम लेते थे

नेता प्रतिपक्ष के आवास पर उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि सात 2007 से 12 का समय छोड़ डा. इंदिरा हृदयेश 1974 से सदन का हिस्सा रही। उनके अनुभव का लाभ हम सब लेते थे। विपक्षी होने के बावजूद सदन में बेवजह का गतिरोध दूर होने पर उनका रवैया हमेशा सकारात्मक रहा।

हरदा पहले आशीर्वाद दे चुके

पूर्व सीएम व आगामी चुनावी में अहम भूमिका निभाने वाले हरीश रावत नेता प्रतिपक्ष के निधन के बाद चित्रशीला घाट तक पहुंचे थे। जिसके बाद सुमित को सांत्वना देते हुए उन्होंने कहा था कि मेरा आशीर्वाद हमेशा तुम्हारे साथ है। अब प्रभारी व अध्यक्ष का साथ मिलने पर सुमित की सियासी राह और आसान हो जाएगी।

श्रद्धांजलि देने यह पहुंचे

राज्यसभा सदस्य प्रदीप टम्टा, उपनेता प्रतिपक्ष करन माहरा, विधायक ममता राकेश व राजकुमार ठुकराल, मेयर डा. जोगेंद्र रौतेला, पूर्व मंत्री हरीश चंद्र दुर्गापाल, पूर्व विधायक रणजीत सिंह रावत, कांग्रेस प्रदेश महासचिव महेश शर्मा, प्रवक्ता दीपक बल्यूटिया, यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुमित्तर भुल्लर, पूर्व अध्यक्ष आनंद रावत समेत भाजपा-कांग्रेस के नेता व सामाजिक संगठनों के लोग भी कोविड नियमों का पालन करते हुए बारी-बारी से पहुंचते रहे।

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