स्‍कीइंग के शौकीनों के लिए औली तैयार, मुनस्‍यारी आएं और बर्फबारी का लुत्‍फ उठाएं nainital news

प्रकृति ने मुनस्यारी में बर्फ के खेल खेलने लिए मैदान सजा दिया है और अब मेहमानों की प्रतीक्षा हो रही है। प्रकृति के इस दिए उपहार से शीतकाल में मुनस्यारी फिर गुलजार रहने वाली है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Sun, 15 Dec 2019 06:33 PM (IST) Updated:Mon, 16 Dec 2019 11:17 AM (IST)
स्‍कीइंग के शौकीनों के लिए औली तैयार, मुनस्‍यारी आएं और बर्फबारी का लुत्‍फ उठाएं nainital news
स्‍कीइंग के शौकीनों के लिए औली तैयार, मुनस्‍यारी आएं और बर्फबारी का लुत्‍फ उठाएं nainital news

पिथौरागढ़, जेएनएन : प्रकृति ने मुनस्यारी में बर्फ के खेल खेलने लिए मैदान सजा दिया है और अब मेहमानों की प्रतीक्षा हो रही है। प्रकृति के इस दिए उपहार से शीतकाल में मुनस्यारी फिर गुलजार रहने वाली है। मुनस्यारी से लेकर साढ़े दस हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित खलिया टॉप तक का क्षेत्र गुलजार रहने वाला है। बर्फ का खेल स्नो स्कीइंग प्रारंभ होने में अब विलंब नहीं है। ऐसे पर्यटकों की आमद बढ़ने के साथ ही पर्यटन कारोबार में अच्‍छा खास होने की उम्‍मीद है।

आ गया स्‍कीइंग के शौ‍कीनों का मौसम

प्रदेश में औली के बाद मुनस्यारी ही स्नो स्कीइंग के लिए उपयुक्त है। औली में तो स्नो स्कीइंग के लिए सारी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हैं और प्रशिक्षण केंद्र खोला गया है। मुनस्यारी में यह सुविधा अभी तक सरकार स्तर से नहीं की गई है। मुनस्यारी में स्नो स्कीइंग विगत 18 वर्षों से हो रही है। मुनस्यारी के पातलथौड़ से खलिया टॉप तक होने वाली स्नो स्कीइंग अलग-अलग समय पर की जाती है। खलिया टॉप में मई प्रथम पखवाड़े तक स्कीइंग संभव है। इस वर्ष 12 से 15 दिसंबर तक प्रकृति ने स्नो स्कीइंग के लिए पर्याप्त बर्फ गिरा दी है। मुनस्यारी नगर में जहां एक फीट के आसपास बर्फ है। वहीं पातलथौड़ में डेढ़ और बिटलीधार में ढाई फीट से अधिक तो खलिया टॉप में चार फीट बर्फ है।

खलिया टॉप तक पहुंचना मुश्किल

खलिया टॉप तक अत्यधिक बर्फ होने और सड़क मार्ग नहीं होने से अभी पहुंचना मुश्किल हो जाता है, परंतु इस समय बिटलीधार तक पहुंचना बेहद आसान है। बिटलीधार सड़क से लगा है और स्कीइंग के लिए पांच सौ मीटर का मैदान सड़क से लगा हुआ है। इसके अलावा मर्तोलीथौड़, पातलथौड़ भी सड़क से लगे हैं। अधिक बर्फ गिरने पर मुनस्यारी बाजार से लगे डांडाधार में स्कीइंग की जाती है।

खलिया  टॉप में तीन से चार किमी लंबा मैदान है

स्नो स्कीइंग के लिए खलिया  टॉप को पूरे हिमालयी जोन में सबसे उन्नत माना जाता है। यहां पर प्राकृतिक रू प से तीन से चार किमी का मैदान है । ऊपर से साढ़े दस हजार फीट की ऊंचाई होने से यहां मई प्रथम पखवाड़े तक स्नो स्कीइंग संभव है। इसे विकसित कर सुविधाएं जोडऩे का प्रस्ताव शासन के पास है। दूसरा यहां तक तीन से चार किमी सड़क की दरकार है।

इन राज्यों के खिलाडिय़ों को रास आता है बिटलीधार, खलिया टॉप

प्रतिवर्ष शीतकाल में महाराष्ट्र के मुंबई, पुणे, कर्नाटक के बंगलुरू, पश्चिम बंगाल के कोलकाता, उत्तर प्रदशे के नोएडा, गाजियाबाद और दिल्ली के पर्यटकों को स्कीइंग के शौकीनों को मुनस्यारी खूब भाता है। केएमवीएन पर्यटक आवास गृह में बीते दिनों से ही इन स्थानों से स्कीइंग के शौकीन लगातार बर्फ के बारे में जानकारी ले रहे हैं। केएमवीएन के अनुसार इस माह के अंतिम पखवाड़े तक खिलाडिय़ों ने आने की पुष्टि कर दी है।

स्‍कीइंग का प्रशिक्षण देता है केएमवीएन

दिनेश गुरु रानी, प्रबंधक साहसिक केएमवीएन ने बताया कि केएमवीएन वर्ष 1991 से यहां पर स्नो स्कीइंग का प्रशिक्षण दे रहा है। अभी तक बीएडीपी योजना से स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षित किया जाता रहा है। इस बार बजट में इसका प्राविधान नहीं है, बावजूद इसके केएमवीएन अगले सप्ताह से स्नो स्कीइंग कराने जा रहा है। थर्टी फर्स्‍ट को भी यह जारी रहेगा। बाहर से आने वाले पर्यटकों का काफी कम खर्च पर स्नो स्कीइंग कराई जाएगी।

स्‍कीइंग के लिए पर्याप्‍त बर्फबारी

अमित लोहनी, जिला पर्यटन अधिकारी, पिथौरागढ़ ने बताया कि मुनस्यारी में स्नो स्कीइंग के लिए पर्याप्त बर्फ गिर चुकी है। पर्यटन विभाग इसे प्रचारित और प्रसारित कराने के लिए कुछ संस्थाओं के माध्यम से स्नो स्कीइंग कराने जा रहा है। अभी एक बार बर्फबारी के बाद स्नो स्कीइंग कराई जाएगी। इसका प्रचार, प्रसार किया जा रहा है।

पुणे और बंगलुरू से स्कीइंग के शौकीनों के आने लगे फोन

सुरेंद्र पवार, पर्यटन विभाग के सहयोग से स्नो स्कीइंग कराने वाले ने बताया कि मुनस्यारी स्नो स्कीइंग के लिए तैयार है। पर्यटन विभाग के सौजन्य से नए वर्ष की शुरुआत से ही स्नो स्कीइंग प्रारंभ हो जाएगी। हिमपात की सूचना मिलते ही पुणे और बंगलुरू से स्कीइंग के शौकीनों के फोन आने लगे हैं। सभी को जनवरी प्रथम सप्ताह तक पहुंचने को कह दिया गया है।

यह भी पढ़ें : मनरेगा के बेहतर क्रियान्‍वयन के लिए पिथौरागढ़ जिले को देश में पहला स्‍थान

यह भी पढ़ें : आग के छल्ले की तरह नजर आएगा साल का आखिरी सूर्यग्रहण, दक्षिण भारत में देखा जा सकेगा  

chat bot
आपका साथी