बचपन में मां-बाप का साथ छूटा तो शादी के बाद पति से हो गया अलगाव, फिर भी सुदीना ने नहीं मानी हार

रुद्रपुर में जिला अस्पताल के पास हेलमेट की दुकान लगाने वाली सुदीना का कहना है कि महिलाओं के अंदर धैर्य पुरुषों से ज्यादा होता है। जो कि कामयाबी का मूल मंत्र है। जिसका असर है कि एक छोटी सी दुकान के जरिए घर गृहस्थी बहुत आराम से चल रही है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Fri, 27 Nov 2020 02:14 PM (IST) Updated:Fri, 27 Nov 2020 02:14 PM (IST)
बचपन में मां-बाप का साथ छूटा तो शादी के बाद पति से हो गया अलगाव, फिर भी सुदीना ने नहीं मानी हार
बचपन में मां-बाप का साथ छूटा तो शादी के बाद पति से हो गया अलगाव!

रुद्रपुर, जेएनएन : सुदीना का बचपन में ही मां-बाप का साथ छूटा तो शादी के कुछ समय बाद ही पति से अलगाव हो गया। जीवन में तमाम उतार-चढ़ाव आए और हर मुश्किल का डटकर मुकाबला किया। पहले कुछ कंपनियों में दस-पांच हजार नौकरी की पर रास नहीं आई। लेकिन अब अपना काम शुरू किया तो जीवन की गाड़ी पटरी पर आ गई। सुदीना कहती हैं कि व्यक्ति के अंदर हिम्मत और हौसला है तो रोजगार की कमी कभी नहीं होगी। इसके लिए धैर्य का होना बहुत आवश्यक है। छोटी सी दुकान लगाकर भी 600 से 800 रुपये तक रोज कमाए जा सकते हैं। लेकिन इसके लिए जिम्मेदारी और रिस्क उठाने के लिए तैयार रहना होगा।

रुद्रपुर में जिला अस्पताल के पास हेलमेट की दुकान लगाने वाली सुदीना का कहना है कि महिलाओं के अंदर धैर्य पुरुषों से ज्यादा होता है। जो कि कामयाबी का एक मूल मंत्र है। जिसका असर है कि एक छोटी सी दुकान के जरिए घर गृहस्थी बहुत आराम से चल रही है। सुदीना ने बताया कि स्वरोजगार के लिए दृढ़ निश्चय का होना बहुत आवश्यक है। सहारनपुर से रुद्रपुर आने के बाद कई कंपनियों में नौकरी की, लेकिन हर जगह पांच से 10 हजार रुपये की नौकरी और 12 घंटे तक लगातार काम दिया गया। जिसके बाद हेलमेट की दुकान लगानी शुरू कर दी। आज स्थिति यह है कि कोरोना के चलते बिक्री घट गई है। इसके बाद भी जीवन की गाड़ी बहुत आराम से पटरी पर दौड़ रही है।

परिस्थितियों ने दी हिम्मत

हेलमेट की दुकान लगाने वाली सुदीना का गांव सहारनपुर जिले के कुतुबशेरखान तहसील अंतर्गत शारदा नगर कस्बे में है। एक साल की उम्र में मां व चार वर्ष की उम्र में पिता का देहांत होने के बाद मौसी ने पालन किया। रुड़की के इंटर कॉलेज में 12वीं तक पढ़ाई करने वाली सुदीना की उम्र 34 वर्ष है। एक बेटी की मां होने के बाद पति से भी अलगाव हो गया है। जिसके बाद वह रुद्रपुर के प्रीत बिहार में किराए पर रह रही हैं। सुदीना ने बताया कि परिस्थितियों ने उनके अंदर हिम्मत पैदा की। ऐसे में चार साल की बेटी स्कूल जाती है और सुदीना दिन भर दुकान संभालती हैं।

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