सीबीएसई स्कूलों में स्टूडेंट्स को रोल नंबर के आधार पर ऑड-ईवन पैटर्न पर बुलाया जाएगा !

सबसे बड़ा चेंज होगा बच्चों को ऑड-ईवन पैटर्न पर आने की अनुमति। स्टूडेंट्स को रोल नंबर के आधार पर ऑड-ईवन पैटर्न पर बुलाया जा सकता है। इस तरह एक बच्चा हफ्ते में तीन दिन स्कूल आएगा।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Tue, 26 May 2020 08:18 AM (IST) Updated:Tue, 26 May 2020 08:18 AM (IST)
सीबीएसई स्कूलों में स्टूडेंट्स को रोल नंबर के आधार पर ऑड-ईवन पैटर्न पर बुलाया जाएगा !
सीबीएसई स्कूलों में स्टूडेंट्स को रोल नंबर के आधार पर ऑड-ईवन पैटर्न पर बुलाया जाएगा !

हल्द्वानी, गणेश पांडे : कोरोना के प्रभाव के कारण बंद चल रहे स्कूलों को फिर से शुरू कराने के लिए मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय व केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) मंथन में जुटे हैं। संभावना है कि जुलाई से स्कूल शुरू हों। संक्रमण के खतरे से बचने के लिए सीबीएसई के स्कूलों में कई बदलाव देखने को मिलेंगे।

सबसेे बड़ा चेंज होगा बच्चों को ऑड-ईवन पैटर्न पर आने की अनुमति। स्टूडेंट्स को रोल नंबर के आधार पर ऑड-ईवन पैटर्न पर बुलाया जा सकता है। इस तरह एक बच्चा हफ्ते में तीन दिन स्कूल आएगा। बाकी तीन दिन उसे घर से ऑनलाइन क्लास अटैंड करनी होगी। सिलेबस 25 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है। शनिवार को हाफ डे के बजाय फुल क्लासेस लगाई जाएंगी। कयास हैं कि अधिक छात्र संख्या वाले स्कूल दो शिफ्ट में खुलें। हालांकि स्कूलों तक अभी गाइडलाइन नहीं आई है, लेकिन भावी बदलाओं को लेकर स्कूल संचालकों के बीच चर्चा चल पड़ी है।

ये हो सकते हैं बड़े बदलाव

सिलेबस

स्कूल जुलाई से खुल सकते हैं। सिलेबस पूरा करने को कम समय मिलेगा। लिहाजा, सिलेबस 25 फीसद तक कम करेंगे। किसी क्लास में अगर मैथ के 20 लेसन हैं तो उसे 16 लेसन तक किया जा सकता है।

होमवर्क

होमवर्क लिखवाने में सात-आठ मिनट लगते हैं। होमवर्क नोट कराने के बजाय अब प्रिंटेड वर्कशीट दी जाएंगी। जो समय बचेगा उसमें पढ़ाई होगी। स्पोर्ट्स व कल्चरल इवेंट साल में 20 दिन चलते हैं। इस साल इवेंट नहीं कराए जाएंगे। इससे पढ़ाई के लिए ज्यादा समय मिलेगा।

क्लास

शनिवार को हाफ डे के बजाय फुल क्लास लगेगी। अगस्त में स्कूल शुरू होता है तो सात महीने के हिसाब से 28 शनिवार होते हैं। फुल डे क्लास लगने से 3 पीरियड बढ़ेंगे। यानी कुल 84 पीरियड एक्स्ट्रा मिलेंगे। कुछ स्कूल रविवार को भी क्लासेस लगाने की प्लानिंग कर रहे हैं।

दिशा-निर्देश

एक सेक्शन के स्टूडेंट्स दूसरे सेक्शन में नहीं जा सकेंगे। सिलेबस पूरा करने के लिए फेस्टिवल और विंटर वेकेशन की छुट्टियां कम की जाएंगी। स्कूलों में एक से ज्यादा एंट्री-एग्जिट पाॅइंट बनाए जाएंगे, ताकि एक ही समय भीड़ न हो। बैंचेस एक से डेढ़ फीट की दूरी पर रखेंगे। जहां पहले दो स्टूडेंट बैठते थे वहां एक बैठेगा।

सैनिटाइजेशन

स्कूल बसों को रोज अंदर, बाहर से सैनिटाइज करेंगे। हर तीसरे दिन पूरा कैंपस सैनिटाइज करेंगे। बैंचेस, चेयर्स, ब्लैकबोर्ड जैसे सामानों को सैनिटाइज किया जाएगा। टीचर्स, स्टूडेंट काे मास्क पहनना अनिवार्य।

इन पर रहेगी पाबंदी स्कूल खुलने के कुछ दिनों तक प्रेयर नहीं होगी। स्कूल की कैंटीन बंद रहेंगी। बच्चों को घर से लाई चीजें खाने को प्रेरित करेंगे। टिफिन शेयर न करने के भी निर्देश देंगे। हर क्लास के स्टूडेंट्स के लिए पीने के पानी की अलग व्यवस्था हाेगी। कैंपस मेंं ग्रुप बनाकर खेलना, पढ़ना बैन रहेगा।

(नोट: सिंथिया स्कूल के प्रवींद्र रौतेला, शिवालिक के पीएस अधिकारी, दीक्षांत के समित टिक्कू से बातचीत पर आधारित)

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