बागेश्वर में महाविद्यालय की समस्याओं के निदान को छात्र अनशन पर

सोमवार को छात्रसंघ अध्यक्ष सौरभ जोशी के नेतृत्व में अभाविप कार्यकर्ता कॉलेज परिसर पहुंचे। नारेबाजी के साथ अनशन पर बैठ गए। सभा में छात्रों ने कहा कि स्नातक प्रथम सेमेस्टर में अधिकांश छात्र-छात्राएं प्रवेश से वंचित रहे हैं।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Mon, 11 Oct 2021 05:54 PM (IST) Updated:Mon, 11 Oct 2021 05:54 PM (IST)
बागेश्वर में महाविद्यालय की समस्याओं के निदान को छात्र अनशन पर
उन्होंने पांच सूत्रीय मांगों का निराकरण करने की मांग की।

जागरण संवाददाता, बागेश्वर: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद राजकीय महाविद्यालय की समस्याओं को लेकर अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठ गया है। सोमवार को अनशन पर आशीष और आकाश आदि बैठे। उन्होंने पांच सूत्रीय मांगों का निराकरण करने की मांग की।

सोमवार को छात्रसंघ अध्यक्ष सौरभ जोशी के नेतृत्व में अभाविप कार्यकर्ता कॉलेज परिसर पहुंचे। नारेबाजी के साथ अनशन पर बैठ गए। सभा में छात्रों ने कहा कि स्नातक प्रथम सेमेस्टर में अधिकांश छात्र-छात्राएं प्रवेश से वंचित रहे हैं। उनका भविष्य दाव पर है और सभी संकायों में सीट बढ़ाई जाएं। महाविद्यालय को पूर्व में कैंपस का दर्जा मिल चुका है। बावजूद अभी तक कैंपस के रूप में महाविद्यालय संचालित नहीं हो सका है। चार वर्षों से महाविद्यालय भवनों में पीएसी रह रही है। इसके अलावा भवनों का उपयोग कोविड केयर सेंटर के रूप में भी मिया जा रहा है। पीएसी और कोविड केयर सेंटर को तत्काल स्थानांतरित किया जाए। परिसर में निदेशक की नियुक्त की जाए। महाविद्यालय में बहुउद्देश्यीय भवन और खेल मैदानका जीर्णोंद्धार किया जाए। इस मौके पर हिमांशु जोशी, राकेश दानू, रिया, शिवांगी लोहिया, ज्योति खेतवाल, पूजा, दिव्या, दीपा, गुंजन, ललिता, मनोज, धीरज, भूपेंद्र, लक्ष्मण, योगेश, राहुल, हर्षित, विक्रम सिंह, पंकज, मनीष गोस्वामी, पंकज, हेमलता, तनुजा, मनीष पाठक आदि मौजूद थे।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं विकास भवन परिसर पर गरजीं

बागेश्वर: आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सेविका, मिनी कार्यकर्ताएं सोमवार को विकास भवन परिसर पर गरजे। उन्होंने धरना दिया और एक सूत्रीय मांग शीघ्र पूरी करने की मांग की। ऐसा नहीं होने पर आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी। मानदेय 18 हजार करने की मांग को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का कार्य बहिष्कार जारी है। उन्होंने कहा कि महंगाई के दौर में अल्प मानदेय से उनका घर नहीं चल पा रहा है। वह अधिकतर समय आंगनबाड़ी और अन्य कार्यों पर लगा रही हैं। कई वर्षों से उनका मानदेय भी नहीं बढ़या गया है। विधवा, परित्यक्ता, बीपीएल परिवार से उनका नाता है। घर में खेती और अन्य काम भी उनके पास नहीं है। वह बाल विकास विभाग को पूरा योगदान दे रहे हैं। पुष्टाहार के अलावा आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए आने वाली सामग्री आदि भी वह स्वयं ढोती हैं। बावजूद सरकार ने उनका मानदेय नहीं बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि कहा कि वह मांग पूरी होने तक आंदोलन पर डटीं रहेंगी। इस मौके पर तुलसी अधिकारी, मुन्नी आर्य, राहिला तबस्सुम, गीता शाही, मोहनी आर्य, गीता देवी, गीता पांडे, शशि पांडे, कलावती मर्तोलिया, नीमा गोस्वामी, देवकी रावल, मरियम डेविड, जानकी चौबे, इंद्रा रावत आदि मौजूद थे।

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