ईडब्ल्यूएस की सीटों पर दाखिले को नहीं मिल रहे विद्यार्थी
आíथक आधार पर आरक्षण सिस्टम लागू होने के बाद शिक्षण संस्थानों में दस फीसद सीटें ईडब्ल्यूएस की आरक्षित की गई हैं।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : आíथक आधार पर आरक्षण सिस्टम लागू होने के बाद शिक्षण संस्थानों में दस फीसद सीटें प्रत्येक कक्षा में ईडब्ल्यूएस की निर्धारित की गई। लेकिन अब इन्हीं सीटों पर दाखिला लेने वालों को खोजना मुश्किल हो गया है। आलम ये है कि महिला डिग्री कालेज में ईडब्ल्यूएस की सीटों पर दो ही छात्राओं ने इस बार दावा किया है, जबकि एमबीपीजी में अब तक इन सीटों पर दाखिला शुरू करने की जरूरत ही नहीं पड़ी है। ऊपर से चुनावी तैयारी में लगे छात्र नेता अब फिर से सीटें बढ़ाने की माग करने लगे हैं। प्रमाण पत्र बनाना सबसे बड़ी चुनौती
ईडब्ल्यूएस के लिए आवेदन न आने के पीछे सबसे बड़ा कारण प्रमाण पत्र न बन पाना भी है। कालेजों की मानें तो आíथक रूप से कमजोर वर्ग की सीटों पर आवेदन के लिए छात्र तो आ रहे हैं लेकिन उनके पास प्रमाण पत्र ही नहीं होता। ऐसे में उन्हें दाखिला नहीं दिया जा सकता है। बाद में वही छात्र सामान्य वर्ग की सीटों पर दाखिला माग रहे हैं। महिला में 62 सीटें आरक्षित
कुमाऊं के सबसे पुराने महिला डिग्री कालेज इंदिरा प्रियदर्शिनी राजकीय स्नातकोत्तर महिला वाणिज्य महाविद्यालय हल्द्वानी में स्नातक प्रथम वर्ष में ईडब्ल्यूएस की 62 सीटें निर्धारित हैं, जिनमें से अब तक दो ही सीटें भर सकी हैं। बीकाम आनर्स व बीएससी जेडबीसी में एक-एक सीटों पर ही दाखिला दिया जा सका है। शेष 60 सीटें अब भी रिक्त हैं। एमबीपीजी में अब तक दाखिला शुरू नहीं
छात्रसंख्या के लिहाज से कुमाऊं के सबसे बड़े डिग्री कालेज हल्द्वानी स्थित एमबीपीजी में ईडब्ल्यूएस की एक भी सीट पर अब तक दाखिला शुरू नहीं हो सका है। यहा स्नातक प्रथम वर्ष में 370 सीटें आíथक कमजोर वर्ग के लिए आरक्षित हैं। कालेज प्रशासन की मानें तो अब तक कोई भी छात्र ईडब्ल्यूएस का प्रमाण पत्र लेकर दाखिले के लिए नहीं आया है, जिस कारण सभी को सामान्य सीटों पर प्रवेश दिया जा रहा है। ये है स्थिति
कक्षावार ईडब्ल्यूएस सीटों की स्थिति एमबीपीजी कालेज
कक्षा सीटें दाखिला
बीए 138 00
बीएससी 144 00
बीकॉम 88 00 महिला कालेज
बीए 24 00
बीएससी 24 01
बीकॉम 08 00
बीकॉम (ऑनर्स)06 01