पहाड़ी से घर पर गिरा पत्थर, बाल-बाल बची तीन जिंदगी, अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे पर जौरासी की घटना

शनिवार देर रात इकाई खनेरिया की पहाड़ी से भूस्खलन हो गया। बोल्डर व मलवा हाईवे पर स्थित धीरेंद्र मेहरा के घर तक पहुंच गए। धमाके के साथ पत्थरों ने भवन की दीवार क्षतिग्रस्त कर दी। दो मंजिला भवन में भी पत्थर घुस आए।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 02:21 PM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 02:21 PM (IST)
पहाड़ी से घर पर गिरा पत्थर, बाल-बाल बची तीन जिंदगी, अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे पर जौरासी की घटना
रात का समय होने के चलते सभी को दूसरे मकान में शरण दी गई।

जागरण संवाददाता, गरमपानी : मूसलाधार बारिश अब आफत बनकर बरस रही है। हाईवे पर जौरासी क्षेत्र में तीन जिंदगियां बाल बाल बच ही गई। पहाड़ी से गिरा पत्थर आवासीय भवन के अंदर तक जा घुसा। मकान स्वामिनी ने भागकर खुद व दो बच्चों की जान बचाई। पहाड़ पर बारिश में जीवन कठिन हो जाता है। हर समय पत्थर या मलबा गिरने का खतरा रहता है। यहां लोग बहुत ही जीवट होते हैं। सामन्य दिनाें में जंगली जानवरों को खतरा रहता है और बारिश में दैवीय आपदा से जूझते हैं। संसाधनों का सर्वथा अभाव होते हुए भी संघर्षपूर्ण जीवन जीते हैं। पत्थर गिरने के बाद दिव्यांग बच्चों को बाहर ले बचाना इसका ही उदाहरण है।

लगातार बारिश से अब पहाड़ियां दरकने लगी है। अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे पर जौरासी क्षेत्र में शनिवार देर रात इकाई खनेरिया की पहाड़ी से भूस्खलन हो गया। बोल्डर व मलवा हाईवे पर स्थित धीरेंद्र मेहरा के घर तक पहुंच गए। धमाके के साथ पत्थरों ने भवन की दीवार क्षतिग्रस्त कर दी। दो मंजिला भवन में भी पत्थर घुस आए। पत्थरों की आवाज सुन घर के अंदर मौजूद धीरेन्द्र की पत्नी रेखा सहम उठी। दिव्यांग बेटी रश्मि को जैसे-तैसे कंधे पर लादा व तुषार को गोद में ले बाहर की ओर भाग खड़ी हुई। आसपास के लोग भी मौके पर पर इकट्ठा हो गए। रात का समय होने के चलते सभी को दूसरे मकान में शरण दी गई।

रेखा का पति धीरेंद्र वाहन चालक है घटना के वक्त वह घर पर मौजूद नहीं था। घर में पत्थर घुसने से तीन जिंदगियां बच गई और बड़ा हादसा टल गया। समीप नारायण सिंह के मकान में भी पत्थर जा घुसे। तथा कोसी नदी का पानी भी मकान की बुनियाद तक पहुंच गया। जिससे खतरा बढ़ गया। स्थानीय मोहन राम, दीवान सिंह, आनंद सिंह, इंदर सिंह, पदम सिंह, गोपाल सिंह, प्रदीप मेहरा ने क्षति का मुआवजा देने व तथा पीड़ित परिवार के रहने के लिए उचित व्यवस्था करने की मांग प्रशासन से की है।

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