एसटीएफ ने पकड़ा लाखों का नकली सैनिटाइजर, शिमला बहादुर स्थित गोदाम से 29 पेटी जब्त
सैनिटाइजर की जांच की गई तो वह नकली होने की आशंका पर टीम ने ट्रांजिट कैंप शिमला बहादुर स्थित भट्ट बालाजी गोदाम में छापामार कार्रवाई कर लाखों रुपये कीमत का 29 पेटी सैनिटाइजर बरामद किया। फिलहाल पुलिस हिरासत में लिए गए लोगों से पूछताछ कर रही है।
जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : हजारों रुपये का हल्द्वानी सप्लाई किया जा रहा सैनिटाइजर को स्पेशल टास्क फोर्स, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने नकली होने की आशंका के चलते पकड़ लिया। सैनिटाइजर की जांच की गई तो वह नकली होने की आशंका पर टीम ने ट्रांजिट कैंप, शिमला बहादुर स्थित भट्ट बालाजी गोदाम में छापामार कार्रवाई कर लाखों रुपये कीमत का 29 पेटी सैनिटाइजर बरामद किया। फिलहाल पुलिस हिरासत में लिए गए लोगों से पूछताछ कर रही है।
सोमवार दोपहर स्पेशल टास्क फोर्स को सूचना मिली कि नकली सैनिटाइजर की खेप हल्द्वानी सप्लाई की जा रही है। इस पर एसटीएफ के कुमाऊं प्रभारी एमपी सिंह ने ड्रग्स इंस्पेक्टर सुधीर कुमार को अवगत कराया। इसके बाद पुलिस और एसटीएफ की अलग अलग टीम ने एसटीएफ प्रभारी एमपी सिंह, एसआइ केजी मठपाल, ट्रांजिट कैंप एसओ विनोद फतर्याल के नेतृत्व में नैनीताल रोड पर वाहनों की चेकिंग शुरू कर दी। इस दौरान एक कार को रोक जांच की तो उसमें 20 कैन सैनिटाइजर बरामद हुआ। पूछताछ में कार सवारों ने बताया कि सैनिटाइजर हल्द्वानी सप्लाई किया जा रहा है।
बताया कि उनका भट्ट बालाजी नाम से गोदाम ट्रांजिट कैंप शिमला बहादुर में है। इस पर एसटीएफ और पुलिस ने शिमला बहादुर स्थित गोदाम में छापामार कार्रवाई कर सैंपल के लिए चार पेटी सैनेटाइजर स्प्रे कब्जे में ले लिया। जांच में सैनिटाइजर नकली होने की संभावना को देखते हुए गोदाम मेंछापामार कार्रवाई कर लाखों रुपये कीमत की 29 पेटी सैनिटाइजर कब्जे में ले लिया। सूचना पर सीओ सिटी अमित कुमार भी मौके पर पहुंच गए। इस दौरान उन्होंने पुलिस और एसटीएफ अधिकारियों से जानकारी ली, साथ ही हिरासत में लिए गए चार युवकों से पूछताछ की।
एसएसपी एसटीएफ अजय सिंह ने बताया कि नकली होने की आशंका से 20 कैन और चार पेटी स्प्रे सैनिटाइजर बरामद किया गया था। जांच में सैनिटाइजर के नकली होने की पुष्टि होने पर गोदाम में छापामार कार्रवाई कर लाखों का माल जब्त किया गया है। कुछ लोगों से पूछताछ की जा रही है। इसके बाद जिस कंपनी का माल में लोगो लगा था, उनसे संपर्क कर पता किया जा रहा है कि माल उनकी कंपनी का है या नही। जांच के बाद केस दर्ज किया जाएगा।
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