नयना देवी मंदिर के भव्य दरबार में 'विराजित' हुईं मां नंदा-सुनंदा, आज से श्रद्धालु कर सकेंगे दर्शन

नंदा देवी महोत्सव के तहत सोमवार को मूर्ति निर्माण का काम पूरा कर लिया गया और आधी रात को इसे नयना देवी परिसर पर बने भव्य दरबार पर स्थापित कर दिया गया। नंदा देवी महोत्सव पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी देता है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Tue, 14 Sep 2021 10:02 AM (IST) Updated:Tue, 14 Sep 2021 10:02 AM (IST)
नयना देवी मंदिर के भव्य दरबार में 'विराजित' हुईं मां नंदा-सुनंदा, आज से श्रद्धालु कर सकेंगे दर्शन
नयना देवी मंदिर के भव्य दरबार में 'विराजित' हुईं मां नंदा-सुनंदा, आज से श्रद्धालु कर सकेंगे दर्शन

जागरण संवाददाता, नैनीताल : नंदा देवी महोत्सव के तहत सोमवार को मूर्ति निर्माण का काम पूरा कर लिया गया और आधी रात को इसे नयना देवी परिसर पर बने भव्य दरबार पर स्थापित कर दिया गया। नंदा देवी महोत्सव पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी देता है। कदली या केले के तने, बांस की खपच्चियां, रूई, प्राकृतिक रंग, कपड़ा आदि से ही मूर्ति निर्माण होता है। मंगलवार को मां के दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं को असुविधा न हो, इसके लिए प्रशासन-पुलिस के साथ ही श्रीराम सेवक सभा की ओर से पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।

सोमवार को नंदा देवी महोत्सव का तीसरा दिन था। महोत्सव के दूसरे दिन रविवार को ज्योलीकोट के सडिय़ाताल स्थित प्रकटेश्वर महादेव मंदिर से कदली वृक्ष लाए गए थे, जिससे सोमवार को नयना देवी मंदिर परिसर के नवग्रह मंदिर सभागार में मां नंदा-सुनंदा की मूर्तियों का निर्माण शुरू हुआ, जो देर रात तक चला।

आयोजक संस्था श्रीराम सेवक सभा के महासचिव जगदीश बवाड़ी ने बताया कि मूर्ति निर्माण समिति संयोजक चंद्रप्रकाश साह के दिशा-निर्देशन में गोधन सिंह, कुंदन नेगी, किशन गुरुरानी, मोनिका साह, आरती संभल, हरीश पंत, कल्याणी गंगोला, सागर ने कदली वृक्ष से मूर्तियों का ढांचा तैयार किया और फिर कपड़े और प्राकृतिक रंगों की मदद से मां का चेहरा बनाया। आधी रात को भव्य मंडप में इन प्रतिमाओं की प्राण-प्रतिष्ठा कर दी गई। मंडप निर्माण में सभा के पूर्व अध्यक्ष गिरीश जोशी, किशन नेगी, घनश्याम लाल साह, हिमांशु जोशी आदि जुटे रहे।

भक्तों के लिए बैरीकेडिंग, चार स्थानों पर एलईडी

नंदा देवी महोत्सव में मंगलवार को ब्रह्ममुहूर्त से ही श्रद्धालुओं का पहुंचाना शुरू हो जाएगा। इसे देखते हुए व्यवस्था बनाने को मंदिर के बाहर से भीतर तक बैरीकेडिंग कर दी गई है। एसडीएम प्रतीक जैन ने बताया कि कोविड गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए 50-50 श्रद्धालुओं को बारी-बारी से दर्शनों के लिए मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा। सुरक्षा व व्यवस्था की दृष्टि से पुलिस कर्मियों की ड्यूटी भी लगाई गई है। श्रद्धालु शहर के चार स्थानों मल्लीताल, तल्लीताल, श्रीराम सेवक सभा और चाट पार्क में एलईडी स्क्रीन पर भी धार्मिक अनुष्ठानों को देख सकेंगे।

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